हल्द्वानी। अनीता रावत
बैठकी होली के रंग का खुमार अब उड़ने लगा है। रंग, अबीर, गुलाल के साथ ही लोक गीतों पर महिलाओं के ठुमके होली के रंगों को उजियारा कर रहे हैं।
ढोलक की थाप पर हंसी ठिठोली के बीच ऐसी अनारी चुनर गयो फारि… अबीर उड़ता गुलाल उड़ता सातों रंग.., मेरी रंगीलो देवर घर पर रै छ…, जल कैसे भरू जमुना गहरी… के साथ ही फागुन के लोक गीतों पर महिलाओं ने ठुमके लगाए। बैठकी होली में महिलाएं एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर खूब झूमीं। महिलाओं ने स्वांग भरकर एक दूसरे पर छींटाकशी भी की। इधर, बैठकी होली में महिला होल्यारों ने श्याम मुरारी के दर्शन को जब सुदामा आयो रे… के साथ ही हरि धरे मुकुट खेले होली…, श्रीधरे मुकुट खेले होली… आदि गीतों पर महिलाओं ने ठुमके लगाकर एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाया।