लखनऊ। जीरो टॉलरेंस की बात भले ही सरकार करती रहे लेकिन भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी में शामिल अधिकारी और कर्मचारी बाज नहीं आ रहे हैं। आलम यह है कि ईडी जहां छापेमारी कर रही है वहां भ्रष्टाचार में कंठ तक डूबे हुए लोग मिल ही जाते हैं। ताजा मामला यूपी का है। यहां के एक अधिकारी के पास 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का खुलासा हुआ है। एक दिन पहले हुए छापेमारी में 50 करोड़ की संपत्ति का ही खुलासा हुआ था।
उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की लखनऊ और मेरठ टीम के छापे में राजकीय निर्माण निगम के पूर्व अपर परियोजना प्रबन्धक राजवीर सिंह की 100 करोड़ से ऊपर की सम्पत्ति का पता चला है। पहले दिन करीब 50 करोड़ रुपए की सम्पत्ति का खुलासा हुआ था। मंगलवार देर रात तक कार्रवाई के दौरान गाजियाबाद में करोड़ों की जमीन के दस्तावेज मिले। कृषि योग्य ये जमीन राजवीर व उनकी पत्नी के नाम है। इसके साथ ही कई बैंक खातों व शेयर, म्यूचुअल फंड का पूरा ब्योरा भी मिल गया है। डीजी राजीव कृष्ण के मुताबिक राजवीर सिंह के दिल्ली और नोएडा में कार्यालय, घर व काम्पलेक्स में पड़े छापे के दौरान मिले दस्तावेजों की पड़ताल कराई जा रही है। इस सम्बन्ध में राजवीर सिंह से भी पूछताछ की जाएगी। कई सम्पत्तियां उनकी पत्नी के नाम भी निकली हैं। नोएडा में व्यवसायिक क्षेत्र में 435 वर्ग मीटर जमीन में काम्पलेक्स मिला था। इसकी लागत छह करोड़ रुपए आंकी गई। इस काम्पलेक्स में एक बोर्ड लगा था जिस पर राजवीर सिंह और उनकी पत्नी के नाम से रजिस्टर्ड कम्पनी का नाम लिखा हुआ था। अब इस कम्पनी के दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। पता किया जा रहा है कि इन कम्पनियों का कितने का टर्न ओवर था। यह भी देखा जाएगा कि कहीं ये कम्पनियां सिर्फ कागजों पर ही तो नहीं थी। राजवीर सिंह के घर से गाजियाबाद में दो एकड़ कृषि योग्य जमीन के अलावा अलीगढ़ के आठ प्लाटों की रजिस्ट्रियां भी मिली हैं। इनकी कीमत का आंकलन कराया जा रहा है। इसके अलावा नोएडा में जो 16-16 कमरों के 200-200 वर्गमीटर के दो हास्टल मिले हैं, उनकी रजिस्ट्री राजवीर सिंह व उनकी पत्नी के नाम ही है।