वाशिंगटन।
अमेरिका, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने के लिए एक नया राजनयिक मंच स्थापित करेंगे। इसका मकसद अफगानिस्तान में दीर्घकालिक शांति और स्थिरता को क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करना है। सभी पक्षों ने अंतरक्षेत्रीय व्यापार मार्गों को खोलने के अवसर को स्वीकार करते हुए व्यापार का विस्तार करने, पारगमन संपर्क बनाने और परस्पर व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए सहयोग करने पर सहमति भी दी है।
अमेरिका में जो बाइडन प्रशासन का कहना है कि इस मंच से जुड़े सभी पक्ष आपसी सहमति और परस्पर सहयोग से इसके तौर-तरीकों का निर्धारण करने के लिए आगामी महीनों में मुलाकात पर सहमत हुए हैं। सामरिक रूप से अफगानिस्तान की भौगोलिक स्थिति को लंबे समय से देश के लिए प्रतिस्पर्धी लाभ देने वाला माना जाता रहा है। अफगानिस्तान की सीमा पूर्व और दक्षिण में पाकिस्तान से, पश्चिम में ईरान से, उत्तर में तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान और तजाकिस्तान तथा उत्तर पूर्व में चीन से मिलती है। ऐतिहासिक सिल्क मार्ग के मध्य में स्थित अफगानिस्तान लंबे समय तक व्यापार के लिए एशियाई देशों को यूरोप से जोड़ने का माध्यम होने के अलावा सांस्कृतिक, धार्मिक एवं वाणिज्यिक संपर्कों को बढ़ावा देने वाला रहा है। अपनी बेल्ट रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का विस्तार अफगानिस्तान तक करने की चीन की महत्वाकांक्षा के बीच इस क्वाड समूह का गठन महत्वपूर्ण है। बीआरआई चीन की कई अरब डॉलर की योजना है, जिसे राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 2013 में सत्ता में आने के बाद शुरू किया। इस योजना का उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्रों, अफ्रीका और यूरोप को समु्द्र एवं सड़क मार्ग से जोड़ना है। अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण अफगानिस्तान चीन को दुनिया भर में अपना प्रभुत्व बढ़ाने के लिए सामरिक आधार दे सकता है। अफगानिस्तान से 31 अगस्त तक अमेरिकी सुरक्षा बलों की वापसी की घोषणा के बाद से देश में हिंसा बढ़ गई है और अफगानिस्तान सरकार एवं तालिबान के बीच शांति समझौते की प्रक्रिया धीमी पड़ गई है।