नई दिल्ली। नीलू सिंह
मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से डीएन रोड जाने वाले फुटवियर ब्रिज का आधा हिस्सा भरभरा कर गिर गया। इस हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई । जिसमें 3 महिलाएं भी शामिल है। वहीं 32 लोग घायल हो गए। मुंबई फुटवियर ब्रिज हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिजनों के साथ मेरी संवेदनाएं है। हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुंचे दमकल पुलिसकर्मियों ने घायलों को निकट के जीपी अस्पताल में भर्ती कराया।
सूत्रों के अनुसार मुंबई में गुरुवार को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन (सीएसटी) के पास हुए हादसे के समय फुट ओवर ब्रिज पर मरम्मत का काम चल रहा था। वहीं एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि सुबह ही इस पुल पर मरम्मत का काम किया जा रहा था इसके बावजूद इस पर आवाजाही जारी थी।बताया जा रहा है कि जिस जगह हादसा हुआ वहां कई बड़े सरकारी दफ्तर भी है। इस पुल से 500 मीटर की दूरी पर ही बीएमसी का दफ्तर स्थित है। इसके अलावा पास में ही मुंबई पुलिस का मुख्यालय और सीएएमए अस्पताल भी हैं। शाम के वक्त इस इलाके में काफी भीड़ रहती है।
पुलिस ने बताया कि हादसा गुरुवार शाम 7: 35 बजे हुआ। बताया जा रहा है कि जिस समय यह हादसा हुआ फुटओवर ब्रिज पर काफी संख्या में लोग थे, क्योंकि यह समय लोगों के दफ्तर से लौटने का था। वहीं एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जब फुट ओवर ब्रिज गिरा तो नीचे कई गाड़ियां भी मौजूद थीं। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने हादसे पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि इस पुल की जांच की गई थी, जिसमें इसे फिट करार दिया गया था। इसके बाद ऐसा हादसा सवाल उठाता है। इसकी उच्चस्तरीय जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मृतकों को पांच लाख और घायलों को 50 हजार रुपए मुआवजे के तौर पर देने की घोषणा की है। मुंबई पुलिस के मुताबिक, फुट ओवर ब्रिज सीएसएमटी के प्लेटफॉर्म नंबर एक के उत्तरी छोर को बीटी लेन से जोड़ता है। हादसे की वजह से ट्रैफिक प्रभावित हुआ। सड़क पर खड़ी कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। यह पुल छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन को आजाद मैदान पुलिस स्टेशन से जोड़ता था। वहीं रेल मंत्रालय ने कहा कि पुल बीएमसी का था। हालांकि हम पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। रेलवे के डॉक्टर बीएमसी के साथ मिलकर राहत बचाव कार्य में लगे हैं।
भाजपा विधायक राज पुरोहित ने कहा कि यह दुखद घटना है। इस पुल की जांच के दौरान प्रमाणपत्र देने वाले इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उसे गिरफ्तार किया जाए। महाराष्ट्र के मंत्री विनोद तावड़े ने कहा कि रेलवे और बीएमसी इस हादसे की जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि पुल की हालत खराब नहीं थी। थोड़ा काम बाकी था, जिसे पूरा किया जा रहा था। इसकी भी जांच की जाएगी कि काम पूरा होने तक इस पुल को बंद क्यों नहीं किया गया।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जिस वक्त पुल का हिस्सा गिरा उस वक्त पास के चौराहे पर लाल बत्ती थी। उसने बताया कि अगर लाल बत्ती नहीं होती तो मृतकों की संख्या कहीं ज्यादा हो सकती थी। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हम लोग लाल बत्ती होने की वजह से इंतजार कर रहे थे। उसने बताया कि जब तक हरी बत्ती होती इससे पहले ही पुल गिर गया। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि अगर हादसा कुछ देर बाद होता तो स्थिति और खराब होती। उसने बताया कि यह ऐसा समय होता है जब पूरी मुंबई घर जाने के लिए सीएसटी पर जुटी होती है। उसने बताया कि मैं भी घर पहुंचने की जल्दी में था लेकिन अब मैं लाल बत्ती होने के चलते राहत महसूस कर रहा हूं नहीं तो मैं भी घायलों में एक होता। इस दौरान एक टैक्सी चालक भी बच गया। हालांकि उसकी टैक्सी क्षतिग्रस्त हो गई। टैक्सी चालक ने समय रहते अपनी टैक्सी रोक भाग निकला जिससे वह बच गया।