क्राइस्टचर्च।
न्यूजीलैंड की दो मस्जिद में शुक्रवार को हुए आतंकी हमले में 49 लोगों के मारे जाने की सूचना है। जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं इस हमले में करीब 9 भारतीय अथवा भारतीय समुदाय के नागरिकों के लापता होने की खबर है। न्यूजीलैंड में भारतीय उच्चायुक्त संजीव कोहनी ने ट्विटर से यह जानकारी दी। इसके अलावा एक दूसरे हमले में मस्जिद लिनवुड में हुई गोलीबारी में दस लोगों की मौत हो गई। जिस आदमी ने हमले की जिम्मेदारी ली है उसने कहा कि वह न्यूजीलैंड केवल इसलिए आया ताकि वह हमले की योजना तैयार कर सके और प्रशिक्षण दे सके।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मध्य क्राइस्टचर्च में मस्जिद अल नूर में दोपहर एक बजकर 45 मिनट पर हुई गोलीबारी में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई। चश्मदीद ने बताया कि उन्होंने एक व्यक्ति को काले कपड़े पहने मस्जिद में घुसते देखा और उसके बाद दर्जनों गोलियों के चलने की आवाजें सुनाई दीं। इससे घबराये हुये लोग मस्जिद में इधर उधर भागने लगे। इसके बाद वह वहां से भागा और इस दौरान उसके हाथ से कुछ गिर गया जो शायद उसका स्वचालित हथियार था। तब वह मस्जिद की तरफ लोगों की मदद करने के लिए दौड़ पड़े। बंदूकधारी मस्जिद में करीब दो मिनट रहा और वहां मौजूद नमाजियों पर बार बार गोलियां दागीं। यहां तक कि उसने पहले ही दम तोड़ चुके लोगों पर भी ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। वहां से वह सड़क पर निकला और पैदल चल रहे लोगों पर गोलियां बरसाईं। फिर वह वापस मस्जिद में गया और करीब दो दर्जन से अधिक लोग जमीन पर पड़े थे। वहां से फिर वह वापस आया और एक महिला को गोली मार दी और अपनी कार में आकर बैठ गया। बताया जा रहा है कि पुलिस ने गोलीबारी के बाद तीन पुरुषों और एक महिला को हिरासत में ले लिया। इनमें से एक व्यक्ति पर बाद में हत्याओं का आरोप लगाया गया। इस घटना से देश की 50 लाख की आबादी में शोक की लहर है। वहीं अधिकारियों ने यह तो स्पष्ट नहीं किया कि किसको हिरासत में लिया गया है पर यह कहा कि इनमें से कोई भी व्यक्ति निगरानी सूची में नहीं है। एक व्यक्ति जिसने गोलीबारी की जिम्मेदारी ली है उसने शरणार्थी विरोधी 74 पृष्ठों का एक दस्तावेज छोड़ा है जिसमें उसने व्याख्या करते हुये कहा है कि वह कौन है और इस हमले की वजह क्या है। उसने कहा कि वह एक 28 साल का श्वेत आस्ट्रेलियाई है और नस्लवादी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस घटना में और हमलावर शामिल हो सकते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के स्तर को दूसरे सर्वोच्च स्तर तक ले जाया गया है। बताया जा रहा है कि एक विस्फोटक का समय रहते पता लगा लिया गया। ऐसा लग रहा है कि इस नस्लीय हमले की योजना बहुत सावधानीपूर्वक तैयार की गई थी। प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने इस वारदात को एक असाधारण और अभूतपूर्व घटना बताते हुये स्वीकार किया कि इसमें प्रभावित लोग या तो प्रवासी हैं या फिर शरणार्थी हैं। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि इसे अब केवल आतंकवादी हमला ही करार दिया जा सकता है। हम जितना जानते हैं, ऐसा लगता है कि यह पूर्व नियोजित था। उधर ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ने पुष्टि की है कि हिरासत में लिए गए चार लोगों में से एक आस्ट्रेलिया में जन्मा नागरिक है। पुलिस आयुक्त माइक बुश ने शुक्रवार रात कहा कि एक व्यक्ति पर हत्या का आरोप लगाया गया है। उन्होंने तीन अन्य संदिग्धों के बारे में नहीं बताया और यह भी नहीं कहा कि क्या दोनों जगहों पर हुये हमलों के लिए वही जिम्मेदार था।