काबुल।
अफगानिस्तान के कंधार प्रांत की एक शिया मस्जिद (इमाम बाड़ा) में जुमे की नमाज के दौरान आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर दिया। इसमें कम से कम 47 लोगों की मौत हो गई और 70 लोग जख्मी हो गए। तालिबान के अधिकारी ने भी इसकी पुष्टि की है।
मुर्तजा नाम के चश्मदीद ने बताया कि चार आत्मघाती हमलावरों ने इमाम बाड़े पर हमला किया। दो हमलावरों ने सुरक्षा द्वार पर खुद को उड़ा लिया ताकि दो अन्य हमलावर मस्जिद के अंदर जाकर विस्फोट कर सकें, जहां पर बड़ी संख्या में नमाजी जुटे थे। उन्होंने बताया कि मस्जिद में जुमे की नमाज करीब 500 लोग अदा करते हैं। यह कट्टरपंथी समूह तालिबान के शासन का विरोधी है और शिया समुदाय को मूर्तद (धर्मत्यागी) मानता है, जिन्हें मार दिया जाना चाहिए। अमेरिकी फौजों की वापसी के बीच अगस्त में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद आईएस ने कई विस्फोटों की जिम्मेदारी ली है। समूह ने छोटे हमलों में तालिबानी लड़ाकों को भी निशाना बनाया है। तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने विस्फोट की पुष्टि की है और कहा कि मामले की जांच चल रही है। उन्होंने मामले की और जानकारी नहीं दी। प्रांतीय अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में सात शव और 13 घायलों को लाया गया है। उन्होंने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। अफगानिस्तान में दशकों की जंग के बाद तालिबान ने मुल्क में अमन बहाली का संकल्प लिया है। तालिबान और आईएस दोनों सुन्नी मुसलमानों के समूह हैं, लेकिन वे वैचारिक तौर पर काफी अलग हैं। इनमें आईएस काफी कट्टर है। वे कई बार एक दूसरे के खिलाफ लड़ चुके हैं। तालिबान ने शिया अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का वचन दिया है, जिन पर तालिबान ने 1990 के दशक के शासन के दौरान जुल्म किया गया था।