नई दिल्ली। नीलू सिंह
देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में स्थानीय निकाय के ‘मैराथन अभियान’ के चलते 40 साल पुराने कचरे के पहाड़ के दिन भी आखिर बदल ही गए। अभियान के चलते महज चार माह में 13 लाख टन अपशिष्ट के बदबूदार भंडार से न केवल लोगों को मुक्ति पा ली गई, बल्कि अब उसकी जगह पर हरा-भरा घना जंगल (हरित क्षेत्र) विकसित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वच्छता रैंकिंग में लगातार तीसरे साल अव्वल आने के लक्ष्य को पूरा करने में जुटे इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के आयुक्त आशीष सिंह ने बताया कि शहर के बायपास रोड पर देवगुराड़िया क्षेत्र के करीब 100 एकड़ में फैले ट्रैंचिंग ग्राउंड में पिछले 40 साल से कचरा जमा किया जा रहा था। साल-दर-साल बढ़ते-बढ़ते वहां करीब 13 लाख टन कचरा जमा हो गया और एक छोटे पहाड़ की शक्ल ले ली। ट्रैंचिंग ग्राउंड के कारण आसपास की सैकड़ों कॉलोनियों के लोग परेशान होते थे, क्योंकि वहां चील-कौए तो मंडराते ही थे, पूरे वातावरण में बदबू भी आती थी। उस कचरे के भंडार में कभी भी आग लग जाती थी, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई थीं। जब पूरा शहर साफ-सुथरा हो, लेकिन एक जगह कचरे का पहाड़ हो तो प्रशासन व निगम ने मिलकर उसे भी हटाने की ठानी और विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा कर मात्र चार माह में मैराथन अभियान चलाकर उपलब्धि हासिल की। यह अपनी तरह का देश में एकमात्र रिकॉर्ड है। निगम आयुक्त सिंह ने बताया- इंदौर कचरा पेटियों से पहले ही मुक्त हो चुका है। अब वहां ट्रैंचिंग ग्राउंड की अवधारणा भी खत्म हो चुकी है। शहर के देवगुराड़िया क्षेत्र के ट्रैंचिंग ग्राउंड से कचरे का पहाड़ हटने से नजदीकी इलाकों में रहने वाले सैकड़ों परिवारों को दिन-रात उठने वाली बदबू और प्रदूषण से मुक्ति मिली है।