इस्लामाबाद।
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खैबर-पख्तूनख्वा के कराक में हिंदू मंदिर को जलाने में शामिल आरोपियों से 33 करोड़ रुपये वसूलने का आदेश जारी किया है। रुपये चुकाने के लिए अदालत ने आरोपियों को एक महीने का समय दिया है। साथ ही अदालत ने हिंदू समुदाय को उतनी जमीन में मंदिर बनाने की अनुमति दी है, जितनी जमीन में वह मंदिर बनवाना चाहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद के नेतृत्व में शीर्ष अदालत की दो न्यायाधीशों की पीठ ने दिसंबर 2020 में भीड़ द्वारा हिंदू धार्मिक स्थल को नष्ट करने की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की। इस मामले में 123 लोगों पर आरोप है। तो वहीं सरकार ने मंदिर के जीर्णोद्धार पर 33 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। पीठ ने अपने आदेश में सरकार के मुख्य सचिव को मंदिर के जीर्णोद्धार पर खर्च की गई पूरी राशि की वसूली और एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा। इस पर सरकार के महाधिवक्ता शुमैल बट ने कहा कि अभी मुकदमा जारी है और कोई निर्दोष पाया जा सकता है। तो ऐसे में वसूल गई राशि का क्या किया जाएगा। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह न्यायिक आदेश है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू समुदाय पूजा स्थल का विस्तार कर सकता है, अगर स्थानीय लोग जमीन बेचते हैं, तो हिंदू समुदाय मंदिर का निर्माण कर सकता है।