देहरादून। अनीता रावत
प्रदेश में लोकसभा चुनावों को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। राज्य में 8379 मतदान केंद्रों में से 1904 मतदान केंद्र सुरक्षा एवं मतदान की दृष्टि से अतिसंवेदनशील और संवेदनशील हैं। इनमें 704 केंद्र अतिसंवेदनशील और 1200 मतदान केंद्रों को संवेदनशील की श्रेणी में शामिल है। सरकारी और निजी एयरपोर्ट पर आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों पर नजर रखने को एयर इंटेलीजेंस यूनिट भी बनाई है। चुनावों में करीब 48 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जा रही है।
उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान होना है। इसे देखते हुए निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सोमवार को राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या व आइजी दीपम सेठ ने पारदर्शिता और शांतिपूर्ण मतदान के लिए आयोग द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। बताया कि चुनावों में 704 बूथ वनरेबल (अतिसंवेदनशील) और 1200 बूथ क्रिटिकल (संवेदनशील) बनाए गए हैं। वनरेबल बूथों की सुरक्षा में स्थानीय पुलिस के साथ ही अर्द्धसैनिक बल भी तैनात रहेंगे। राज्य में 8379 मतदान केंद्रों में से 1904 मतदान केंद्र सुरक्षा और मतदान की दृष्टि से अतिसंवेदनशील व संवेदनशील चिह्नित किए हैं। 1200 मतदान केंद्रों को संवेदनशील और 704 केंद्र अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखा है। सरकारी व निजी एयरपोर्ट पर आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों पर नजर रखने को एयर इंटेलीजेंस यूनिट भी है। क्रिटिकल बूथ में पुलिस के साथ ही पीएसी तैनात रहेगी। सुरक्षा व्यवस्था के लिए करीब 48 हजार सुरक्षा कर्मी तैनात किए जा रहे हैं। इनमें 16 हजार पुलिस कर्मी हैं। इनमें 270 महिला उप निरीक्षक, 1900 महिला कांस्टेबल और दो कंपनी महिला पीएसी तैनात होंगी। इनके अलावा राज्य से 4500 और बाहरी राज्यों से 17500 होमगार्ड लिए जा रहे हैं। इनके अतिरिक्त 5000 कार्मिक पीआरडी और वन रक्षकों से लिए जाएंगे। चुनावों में पीएसी की 21 कंपनियां के अलावा दो चरणों में केंद्र से 65 कंपनियां अद्र्धसैनिक बल व सशस्त्र बल की भी तैनात की जाएंगी।