नई दिल्ली। टीएलआई
उपभोक्ताओं या आपूर्तिकर्ताओं को दिए गए गिफ्ट वाउचर, कैश-बैक वाउचर को वस्तु अथवा सामान माना जाएगा और इनपर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा। अग्रिम निर्णय प्राधिकरण ने यह व्यवस्था दी है।
बेंगलुरु की प्रीमियर सेल्स प्रमोशन प्राइवेट लि. ने एएआर की कर्नाटक पीठ के समक्ष अपील दायर कर पूछा था कि गिफ्ट वाउचर, कैश-बैक वाउचर या कई विकल्पों के साथ ई-वाउचरों की आपूर्ति पर क्या जीएसटी दर लागू होगी। आवेदक कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए वाउचर का कारोबार करती है। गिफ्ट वाउचर के संदर्भ में एएआर ने कहा कि आवदेक वाउचर खरीदता और उसे अपने ग्राहकों को बेचता है, जो आगे उसे अपने ग्राहकों में वितरित करते हैं। वहीं ग्राहक आपूर्तिकर्ता से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के समय अपने भुगतान की प्रतिबद्धता इन वाउचरों से करते हैं। ऐसे में आवेदक को उनकी आपूर्ति के समय ये गिफ्ट वाउचर ‘मुद्रा का स्वरूप नहीं होते हैं। जहां तक कैश-बैक या विभिन्न विकल्प वाले ई-वाउचर का सवाल है, एएआर ने निष्कर्ष दिया है कि ये वाउचर आपूर्ति के समय इन्हें ‘मुद्रा की परिभाषा के तहत नहीं माना जा सकता, लेकिन किसी वस्तु या सेवा के लिए भुगतान करते समय ये पैसे का ‘स्वरूप ले लेते हैं। एएआर ने व्यवस्था देते हुए कहा कि वाउचर की आपूर्ति वस्तुओं की तरह करयोग्य है और इनपर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि एएआर ने व्यवस्था दी है कि ई-वाउचर की आपूर्ति पर वस्तुओं की तरह 18 प्रतिशत कर लगेगा। इसमें यह नहीं देखा जाएगा कि ऐसे वाउचर से क्या सामान खरीदा गया है। इसके अलावा एएआर ने जीएसटी नियमों में वर्णित आपूर्ति-संबंधित वाउचर के समय से संबंधित विशेष प्रावधानों को खारिज कर दिया है। ”इस निर्णय से सभी ई-वाउचरों पर 18 प्रतिशत कर लगेगा।