देहरादून। अनीता रावत
प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड में गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण को अध्यादेश की मंजूरी के साथ ही इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। अब प्रदेश सरकार इसी विधान सभा सत्र या फिर छह माह के भीतर किसी भी वक्त सदन में पारित करा सकती है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत कैबिनेट में शुक्रवार को गरीब सवर्णों के लिए दस फीसदी आरक्षण विधिवत दे दिया है। अब उत्तराखंड लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग व अन्य एजेंसियों के भर्ती में गरीब सवर्णों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। कार्मिक विभाग ने इसके लिए रोस्टर में संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उत्तराखंड में 41 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की भी व्यवस्था है। इसमें महिलाओं के लिए 30, दिव्यांग चार, एक्स सर्विसमैन पांच और बीएसएफ आश्रितों का दो फीसदी आरक्षण है। यह लंबवत आरक्षण के भीतर है। पहले खेल कोटे में दो और उत्तराखंड आंदोलनकारियों को भी दस फीसदी आरक्षण की व्यवस्था थी, लेकिन हाईकोर्ट इसे खारिज कर चुका है। अब बनाना पड़ेगा रोस्टर गरीब सवर्णों को भी दस फीसदी आरक्षण लागू होने के बाद उत्तराखंड में अब आरक्षण के लिए नए सिरे से रोस्टर बनाना पड़ेगा। रोस्टर के तहत पहला पद अनुसूचित जाति, जबकि दो से पांच पद सामान्य वर्ग, छठा पद एसी, सातवां पद ओबीसी और फिर चार पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित थे, लेकिन अब प्रत्येक दस पदों में से एक पद गरीब सवर्ण के लिए आरक्षित होगा।