हल्द्वानी। वनभूलपुरा क्षेत्र में बीती आठ फरवरी को हुई हिंसा के आखिरी वांछित आरोपी अब्दुल मोईद को गुरुवार तड़के पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। पांच राज्यों की दौड़ लगा चुकी पुलिस को हिंसा के 21 दिन बाद यह सफलता मिली।
मलिक का बगीचा स्थित नजूल भूमि पर कब्जा कर बनाए गए अवैध मदरसा और धार्मिक स्थल के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई आठ फरवरी को की गई थी। इस दौरान वनभूलपुरा क्षेत्र में हिंसा भड़क गई और पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों एवं फोर्स पर उपद्रवियों ने पथराव कर पेट्रोल बम से जानलेवा हमला भी किया। इस मामले में नामजद लाइन नंबर-8 आजाद नगर निवासी अब्दुल मोईद पर हिंसा भड़काने के आरोप के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) भी लगा है। घटना के बाद से ही मोईद फरार चल रहा था। पुलिस ने मामले में जो नौ वांटेड आरोपी घोषित किए थे, उनमें मोईद भी शामिल है। उसकी तलाश में पुलिस की छह टीमें दिल्ली, यूपी, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की खाक छानती रहीं। जिस भी राज्य में मोईद ने पनाह ली, वहां उसने अपने पिता अब्दुल मलिक और अपने दोस्तों के संपर्कों का इस्तेमाल किया। उसने अपने पनाहगाह भी समुदाय विशेष के क्षेत्र में बनाए थे। गुरुवार तड़के ही नैनीताल पुलिस और एसओजी की टीम ने मुखबिर की सटीक सूचना पर दिल्ली से मोईद को गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार को ही पुलिस टीम उसे लेकर हल्द्वानी पहुंची। एसएसपी पीएन मीणा ने पत्रकार वार्ता में मोईद की गिरफ्तारी का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि आज ही उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया जाएगा। अब्दुल मलिक से पूछताछ पूरी होने के बाद मोईद की रिमांड के लिए भी कोर्ट में प्रार्थना पत्र लगाया जाएगा। मोईद को गिरफ्तार करने वाली टीम को डीआईजी कुमाऊं रेंज ने पांच हजार और एसएसपी ने ढाई हजार रुपये इनाम की घोषणा की गई है।