मॉस्को। रुस के मानवाधिकार कार्यकर्ता को यूक्रेन में युद्ध की आलोचना करने पर मंगलवार को मॉस्को की एक अदालत ने ढाई साल जेल की सजा सुनाई। कार्यकर्ता को रूसी सेना को ‘बार-बार बदनाम करने’ का दोषी ठहराया गया है।
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मानवाधिकार समूह मेमोरियल के सह-अध्यक्ष 70 वर्षीय ओलेग ओर्लोव ने अपने खिलाफ मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया था और अपने वक्तव्य में कहा था, ‘मुझे किसी बात का अफसोस नहीं है और मुझे किसी बात का पछतावा नहीं है।’ इसके साथ ही उन्होंने फिर से युद्ध की निंदा भी की।
फैसले के बाद ओर्लोव को हथकड़ी लगा दी गई और हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद दोबारा सुनवाई हुई जिसमें उसे पहले दोषी ठहराया गया था और जुर्माना लगाया गया। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सरकार द्वारा युद्ध की आलोचना के प्रति कम सहनशीलता को रेखांकित करते हुए अभियोजन पक्ष ने कड़ी सजा की मांग करते हुए अपील की थी।