
आज दिनांक 7अप्रैल 2025 को इंदिरा प्रियदर्शिनी राजकीय महिला महाविद्यालय हल्द्वानी में समान नागरिक संहिता एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया । जिसमें मुख्य वक्ता सिविल जज बीनू गुलयानी (सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल) ने उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता के विभिन्न प्रावधानों पर प्रकाश डाला और इसकी सभी जाति ,लिंग ,भाषा, धर्म के प्रति समरसता की विशेषता को बताया। समानता से समरसता के ध्येय वाक्य का अर्थ बताया और यूसीसी की आवश्यकता को दर्शाया।
कार्यशाला की अध्यक्ष महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर आभा शर्मा द्वारा मुख्य अतिथि को बैज अलंकरण तथा प्रतीक रूप में पौधा देकर स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता एक सामाजिक मामलों से संबंधित कानून होता है जो सभी पंथ के लोगों के लिये विवाह, तलाक, भरण-पोषण, विरासत व बच्चा गोद लेने आदि में समान रूप से लागू होता है। दूसरे शब्दों में, अलग-अलग पंथों के लिये अलग-अलग सिविल कानून न होना ही ‘समान नागरिक संहिता’ की मूल भावना है।
कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रोफेसर श्रीवास्तव सहित अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे । एनएसएस प्रभारी डॉ0 रितुराज पंत ने कहा कि यूसीसी (Uniform civil code) के मुख्य फायदों में से एक यह है कि यह सभी नागरिकों को उनके धर्म, जाति या लिंग के बावजूद समान अधिकार और अवसर प्रदान करता है। यह सामाजिक समानता (Social Equality) को बढ़ावा देता है और धर्म या समुदाय के आधार पर भेदभाव (Discrimination) को खत्म करने में मदद करता है। कार्यक्रम संचालन यूसीसी की नोडल प्रभारी डॉ नेहा सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो0 नरेंद्र कुमार, डॉ0 बीना जोशी, डॉ0 नीता शाह, डॉ0 गीता पंत, डॉ0 चंद्र प्रकाश, डॉ0 गणेश, डॉ0 विवेक, डॉ0हिमानी , डॉ0 प्रदीप, डॉ0 फकीर सिंह,डॉ0 मंजू मुख्य प्रशासनिक अधिकारी मंजू मेहरा आदि उपस्थित रहे।