नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र अदाणी, मणिपुर, रेल दुर्घटनाओं के मुद्दे पर हंगामेदार होने की संभावना है। महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव परिणाम के फौरन बाद सोमवार से शुरू हो रहे इस सत्र में अदाणी, मणिपुर, प्रदूषण और रेल दुर्घटनाओं का मुद्दा छाया रहेगा। विपक्ष ने जहां संसद में अदाणी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा कराने की मांग की है। वहीं, सरकार का कहना है कि इस बारे में संसद के दोनों सदनों की कार्य मंत्रणा समितियां निर्णय करेंगी। ऐसे में सत्तापक्ष और विपक्ष में टकराव बढ़ सकता है। सोमवार से शुरू हो रहे संसद सत्र को लेकर रविवार को सरकार ने राजनीतिक दलों के साथ बैठक की। सरकार ने सभी दलों से सत्र को सुचारू रुप से चलाने की अपील की है। विपक्ष के तेवरों से साफ है कि सत्र हंगामेदार रहेगा। विपक्ष ने सरकार से अदाणी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों और मणिपुर हिंसा पर संसद के दोनों सत्र में बहस कराने की मांग की है। केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि इस बारे में कार्यमंत्रणा समिति तय करेगी।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि पार्टी ने अदाणी समूह पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा की मांग की है। पार्टी चाहती है कि सत्र के पहले दिन इस मुद्दे पर चर्चा कराई जाए। इसे देश की आर्थिक और सुरक्षा हितों से जुडा गंभीर मुद्दा करार देते हुए उन्होंने कहा कि कंपनी ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अनुकूल सौदा पाने के लिए 23 सौ करोड़ रुपए की कथित रिश्वत दी है। सरकार ने सत्र के लिए वक्फ संशोधन विधेयक सहित 16 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है। वक्फ संशोधन विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति की लोकसभा में अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। समिति को सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। हालांकि, विपक्ष समयसीमा बढ़ाने की मांग कर रहा है। वर्ष 2024-25 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों को चर्चा और मतदान के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सरकार ने पंजाब न्यायालय संशोधन विधेयक, तटीय नौवहन विधेयक, भारतीय बंदरगाह विधेयक को भी पेश और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है। इसके अलावा आठ विधेयक लोकसभा और दो राज्यसभा में लंबित है। देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए प्रस्तावित विधेयक अभी सूची का हिस्सा नहीं है, पर सरकार सत्र के दौरान विधेयक पेश कर सकती है।