ताइपे।
ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बयान पर चीन को करारा जवाब दिया। साई इंग वेन ने चीन की ओर से एकीकरण को लेकर बढ़ते दबाव के बीच रविवार को द्वीप की रक्षा करने का संकल्प लिया। वेन ने यह संकल्प पिछले हफ्ते बीजिंग के साथ उत्पन्न अभूतपूर्व तनाव के बाद दोहराया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश अपने लोकतांत्रिक जीवन की भी रक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि ताइवान यथास्थिति चाहता है। फिलहाल ताइवान और चीन के बीच तनाव चरम पर है।
ताइवान के राष्ट्रीय दिवस पर रविवार को राष्ट्रपति साई इंग वेन ने अपने भाषण में राजनीतिक यथास्थिति बनाए रखने का आह्वान किया, जो चीन के बढ़ते दबाव को दिखाता है। राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित परेड में ताइवान की रक्षा क्षमता का प्रदर्शन किया गया और इस दौरान राष्ट्रपति साई इंग वेन ने चीनी सेना के बलप्रयोग को दृढ़ता से खारिज किया। ताइपे के मध्य में प्रेसिडेंशियल ऑफिस बिल्डिंग में आयोजित समारोह के दौरान ताइवान के विभिन्न जातीय समूहों से गायकों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस भवन का निर्माण जापानियों ने किया था जिन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति तक 500 सालों तक उपनिवेश के तौर पर इस द्वीप पर शासन किया था। राष्ट्रपति ने कहा कि हम लोग राजनीतिक यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने से रोकने के लिए पूरी कोशिश करेंगे। चीन ताइवान को अपना क्षेत्र होने का दावा करता है जबकि यह द्वीप स्वायत्तशासी है। उन्होंने कहा, हम लोग राष्ट्रीय रक्षा को बढ़ावा देते रहेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी ताइवान को चीन द्वार निर्धारित मार्ग पर चलने के लिए मजबूर नहीं करे। हम अपना बचाव करने के लिए दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करते रहेंगे। उन्होंने कहा, इसका कारण यह है कि चीन ने जो रास्ता बनाया है, वह न तो ताइवान के लिए एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक जीवन शैली प्रदान करता है, न ही हमारे 2.3 करोड़ लोगों के लिए संप्रभुता प्रदान करता है।