क्यों मिला ‘निहोन हिडानक्यो’ को शांति का नोबेल

अंतरराष्ट्रीय

ओस्लो। जापानी संगठन ‘निहोन हिडानक्यो’ को 2024 का नोबेल शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। इस संगठन की स्थापना 1956 में हुई थी। यह जापान में परमाणु बम हमलों में बचे लोगों की देखभाल करने वाला सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली संगठन है। इस एनजीओ का प्रयास दुनिया को परमाणु हथियारों से मुक्त कराना है।
नॉर्वेजियन नोबेल समिति के अध्यक्ष जोर्गेन वाटने फ्राइडनेस ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि वर्ष 2024 का नोबेल शांति पुरस्कार जापानी संगठन निहोन हिडानक्यो को दिया गया है। उन्होंने कहा कि निहोन हिडानक्यो हिरोशिमा और नागासाकी के पीड़ितों के माध्यम से दुनिया को यह समझाने की कोशिश करती है कि दोबारा कहीं भी परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए । नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने कहा कि यह पुरस्कार ‘परमाणु निषेध’ नामक मानदंड को कायम रखने का प्रतीक है। समिति ने अपने बयान में कहा कि मानव इतिहास के इस क्षण में, हमें खुद को याद दिलाना जरूरी है कि परमाणु हथियार क्या हैं और कितने खतरनाक हैं। ज्ञात हो कि पिछले साल, ईरान की सामाजिक कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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