देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने वाले गांवों की रिपोर्ट तलब कर ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने प्रमुख सचिव आरके सुधांशु को सभी गांवों की नाराजगी वजह तलाशने और उसका प्रभावी समाधान करने के निर्देश दिए हैं।
इस बार चुनाव में राज्य के 35 से ज्यादा गांवों के लोगों ने मतदान को पूर्ण बहिष्कार किया है। इन गांवों में अधिकांश गांव सड़क न बनने के कारण के नाराज हैं। कई क्षेत्रों में कई-कई साल पहले स्वीकृत हुए सड़कों का निर्माण भी नहीं हो पाया। ज्ञापन, धरने, प्रदर्शनों के बावजूद कार्यवाही नहीं होने पर लोगों ने इस बार मतदान का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी थी। रविवार सुबह मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव को इस मामले में कार्यवाही के निर्देश दे दिए। सुधांशु मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव होने के साथ-साथ वन विभाग का दायित्व भी संभाल रहे हैं। खारसी मोटरमार्ग पर 32 साल पहले मंजूर हुआ था। अब तक वो नहीं बना। मसूरी में क्यारा-धनोल्टी मोटर मार्ग का शिलान्यास वर्ष 2019 में हो गया था, लेकिन निर्माण शुरू नहीं हुआ। रुद्रप्रयाग के इसाला गांव के लोगों को भी अपनी सड़क का आठ साल से इंतजार है। इसी प्रकार पौड़ी में यमकेश्वर में लोगों ने गंगाभोगपुर तल्ला-मल्ला को राजाजी टाइगर रिजर्व के दायरे से हटाने की मांग को लेकर बहिष्कार किया। यूएसनगर में जलाशयभीतर गांव के ग्रामीण भी सड़क न बनने से नाराज हैं। पिथौरागढ़ के धारचूला में साइपोलू बूथ पर भी ग्रामीणों सड़क न बनने की वजह से बहिष्कार किया है।