देहरादून। अनीता रावत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में नर्सिग की अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में इंटरनेशनल व नेशनल फैकल्टी ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यानमाला प्रस्तुत की। उत्तराखंड में आयोजित पहली नर्सिंग विषय की इंटरनेशनल संगोष्ठी में एम्स समेत देश के विभिन्न प्रदेशों से 150 प्रतिभागी शामिल हुए। एम्स के कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में अपने संदेश में निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि ऑपरेशन थियेटर में पेसेंट केयर में नर्सिंग की भूमिका अहम होती है। लिहाजा नर्सिंग के क्षेत्र में कौशल विकास, स्वायत्तता व गुणवत्ता में विश्वस्तरीय निर्धारित मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने ओटी में नर्सेस की सहभागिता एवं तकनीकी विशेषज्ञता पर बल दिया। निदेशक एम्स ने उम्मीद जताई कि दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी से देश के विभिन्न क्षेत्रों से शामिल हुए प्रतिभागी लाभान्वित होंगे। संगोष्ठी में नर्सिंग डीन प्रो.सुरेश के.शर्मा ने उच्च दबावयुक्त कार्यप्रणाली में तनाव प्रबंधन पर व्याख्यान दिया। इंटरनेशनल फैकल्टी किंग कॉलेज हास्पिटल यूके की मैट्रन प्रो.मिनिजा जोसेफ ने डिस्चार्ज स्टेंडर्ड व डा.शिवकुमार मुद्गल ने क्लिनिकल ऑडिट पर व्याख्यान दिया। एनिस्थिसिया डा. वाईएस पयाल ने एनेस्थीसिया के पश्चात होने वाले दुष्परिणामों का आंकलन विषय पर विचार रखे। जबकि वरिष्ठ शल्य चिकित्सक डा.फरहान उल हुदा ने ऑपरेशन में उपयोग होने वाले विद्युत उपकरणों पर व्याख्यान में उपकरणों से होने वाली संभावित घटनाओं से बचाव के उपाय बताए। अंतरराष्ट्रीय पैरीऑपरेटिव परिषद लंदन की अध्यक्ष मोना जी फिशर ने ऑपरेशन रूम में होने वाली गतिविधियों व लंदन से आए क्लिनिकल कंसलटेंट प्रो.जेन रेड ने कार्यस्थल पर होने वाले विरोधाभास प्रबंधन पर व्याख्यान दिया। इस अवसर पर संगोष्ठी के तहत आयोजित पोस्टर व रिसर्च पेपर प्रस्तुतिकरण प्रतियोगिता में प्रथम रही पीएचडी स्कॉलर कल्पना ठाकुर, द्वितीय स्थान पर हरजोत धामी व तृतीय स्थान पर रहे एनिस्थिसिया विभाग के जूनियर रेजिडेंट वामसी कृष्णा को नकद पुरस्कार भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आयोजन सचिव डा.राकेश शर्मा,सह सचिव मनीष शर्मा, श्रीमती प्रसूना जेली, मलार कोडी,रूचिका रानी आदि मौजूद थे।