हल्द्वानी। वनाग्नि से निपटने के लिए सभी वन प्रभागों की रेंज में मौसम मापक यंत्र लगाए जाएंगे। इन यंत्रों से मिलने वाली जानकारी वन क्षेत्राधिकारी रोज कंट्रोल रूम को भेजेंगे, ताकि बचाव के लिए समय रहते जरूरी कदम उठाए जा सकें।
वन विभाग 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन मानता है। इस दौरान जंगल में आग की अधिक घटनाएं होती हैं। सीजन शुरू होने से पहले ही जंगल को आग से बचाने के लिए कई जरूरी कदम उठाने होते हैं। इसे लेकर वन विभाग के मुखिया प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन ने सभी डीएफओ के दिशा निर्देश जारी किए हैं। मौसम मापक यंत्र की मदद से रेंज के जंगलों में आर्द्रता, शुष्क वातावरण, वायु दबाव, वेग, फ्यूल मॉडल, फायर डेंजर रेटिंग आदि की जानकारी मिल सकेगी। रेंजर यह जानकारी प्रभागीय वन अधिकारी कार्यालय में बनाए गए मास्टर कंट्रोल रूम को भेजेंगे। मास्टर कंट्रोल रूम से जानकारी मुख्यालय तक भेजी जाएगी। ताकि उस क्षेत्र में वनाग्नि की घटना होने पर मुख्यालय स्तर से जरूरी कदम उठाए जा सकें। वन अधिकारियों के मुताबिक यंत्र से मिलने वाली जानकारी अगर वनाग्नि की घटना की आशंका को ज्यादा दिखाती है तो रेंज की टीम अलर्ट मोड पर आ जाएगी। संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाई जाएगी। जो इलाके वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील हैं उसके आसपास रहने वाली आबादी में जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। अगर जरूरत हुई तो तुरंत अन्य रेंज और वन प्रभागों से भी मदद ली जाएगी।