नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के फैसले के बाद इस पर अमल की तैयारी शुरू हो गई है। गृह मंत्री अमित शाह से बैठक के दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भारत से पानी की एक भी बूंद पाकिस्तान में न जाने पाए।
भारत सरकार फैसले को तीन चरणों तत्काल उठाए जाने वाले कदम, मध्यम अवधि के योजना व दीर्धावधि योजना में लागू होगा। भारत सरकार इस बात की चाक चौबंद व्यवस्था करेगी कि पाकिस्तान को जाने वाली नदियों में जल प्रवाह तेजी से कम किया जाए। इसका सीधा असर वहां की खेती पर पड़ेगा। सिंधु जल समझौते को लेकर सरकार के बड़े फैसले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने मंत्रालय की कार्ययोजना की जानकारी दी। जल शक्ति मंत्री ने कहा है कि सिंधु जल समझौते को लेकर जो निर्णय लिया गया है उसका पालन किया जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने इस दौरान कई सुझाव दिए जिसे लागू किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान को जाने वाले पानी को रोकने का काम जल्द शुरू होगा। गर्मियों में जल प्रवाह कम है और जिन नदियों पर बड़े बांध हैं वहां पर पानी को ज्यादा रोका जाएगा और उस पानी का नहरों के जरिए अपने देश में ही खेती के लिए ज्यादा उपयोग किया जाएगा। इसका पाकिस्तान पर जल्द असर दिखेगा। इसके अलावा बांधों की क्षमता को भी आधुनिक तकनीक से बढ़ाया जाएगा, ताकि ज्यादा जल भंडारण किया जा सके। पाक पर प्रहार की दिशा में बांधों की गाद भी हटाई जाएगी। कुछ नदियों में गाद हटाने के लिए पानी को डायवर्ट किया जाएगा, ताकि पाकिस्तान को कम पानी जाए। चूंकि सिंधु जल समझौता में विश्व बैंक की अहम भूमिका है। इसलिए सरकार फ़ैसले की जानकारी उसे भी देगी। भारत ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखने के अपने निर्णय के बारे में पाक को पहले ही बता दिया है। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान ने इसकी शर्तों का उल्लंघन किया है।
