विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए एकजुट रहना होगा: मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए देश के युवाओं का आह्वान किया कि वे विकसित भारत के निर्माण के लिए आरामतलबी से दूर रहकर श्रेष्ठता, परिश्रम एवं दक्षता पर फोकस करके विश्व स्तर पर सर्वश्रेष्ठ हासिल करें। उन्होंने युवाओं से एकजुट रहने का आह्वान भी किया। साथ ही देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों से आगाह भी किया। महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर ओडिशा के कटक में आयोजित पराक्रम दिवस कार्यक्रम को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि नेताजी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि नेताजी ने आराम का क्षेत्र छोड़ने का विकल्प चुना और देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। मोदी ने कहा, नेताजी सुभाष कंफर्ट जोन के बंधन में नहीं बंधे। इसी तरह आज हम सभी को विकसित भारत के निर्माण के लिए अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलना है। हमें खुद को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाना है और उत्कृष्टता को चुनना ही है, दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना है। उन्होंने कहा कि नेताजी ने देश की स्वतंत्रता के लिए आजाद हिंद फौज का गठन किया। इसमें देश के हर क्षेत्र व हर वर्ग के लोग शामिल थे, जिनकी भाषाएं अलग-अलग थीं लेकिन भावना एक थी और वह थी देश की आजादी। उन्होंने कहा, यही एकजुटता आज विकसित भारत के लिए भी बहुत बड़ी सीख है। तब स्वराज के लिए हमें एक होना था, आज विकसित भारत के लिए हमें एक रहना है। मोदी ने कहा कि भारत की एकता के लिए लोगों को बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, हमें उन लोगों से सतर्क रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं। उन्होंने अंडमान में बोस के नाम पर द्वीपों का नामकरण किए जाने और इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा की स्थापना और उनकी जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने सहित कई फैसलों का जिक्र किया और कहा कि नेताजी भारत की विरासत पर बहुत गर्व किया करते थे। मोदी ने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों की मजबूती और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है। उन्होंने कहा कि आज गांव हो या शहर, हर तरफ आधुनिक अवसंरचना का निर्माण हो रहा है। साथ ही भारत की सेना की ताकत में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व मंच पर भारत की भूमिका बढ़ रही है और भारत की आवाज बुलंद हो रही है। उन्होंने कहा, वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनेगा। हमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रेरणा से ‘एक लक्ष्य-एक ध्येय’ विकसित भारत के लिए निरंतर काम करते रहना है। प्रधानमंत्री ने इससे पहले पराक्रम दिवस पर महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि सरकार उस भारत के निर्माण की दिशा में काम कर रही है, जिसकी नेताजी ने कल्पना की थी। मालूम हो कि सरकार ने साल 2021 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्‍मदिन 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘आज पराक्रम दिवस के अवसर पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान अद्वितीय है। वह साहस और धैर्य के प्रतीक हैं। उनका दृष्टिकोण हमें प्रेरित करता है और हम उस भारत के निर्माण की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसकी उन्होंने कल्पना की थी।’ प्रधानमंत्री ने पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में नेताजी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। पुराने संसद भवन को अब संविधान सदन के नाम से जाना जाता है। इस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तथा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई केंद्रीय मंत्री और सांसद उपस्थित थे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने वहां मौजूद कुछ स्कूली छात्रों से संवाद भी किया।

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