कोपनहेगन। युवाओं के बीच प्रसिद्ध सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम किशोरों के लिए खतरनाक होता जा रहा है। एक अध्ययन में दावा किया कि इंस्टा खुद को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री को दिखाने में बढ़ावा दे रहा है। यानी इस प्लेटफॉर्म पर आत्महत्या, हिंसा या अपने आप को हानि पहुंचाने वाले कंटेंट की भरमार होती जा रही है। इससे युवा एक-दूसरे की प्रोफाइल देखकर प्रभावित हो रहे हैं। यह अध्ययन डेनमार्क के डानिश विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया है। उनके मुताबिक, इंस्टा पर 13 वर्ष से कम उम्र के लोगों के नकली प्रोफाइल शामिल थे, जिन्होंने खुद को नुकसान संबंधी 85 कंटेंट साझा किए थे। इस अध्ययन का उद्देश्य मेटा के दावे का परीक्षण करना था कि उन्होंने हिंसा से जुड़ी सामग्रियों को हटाने में काफी सुधार किया है। हालांकि, अध्ययन में पाया गया कि कंपनी ने एक भी कंटेंट को हटाया नहीं है। शोधकर्ताओं ने खुद को बनाए एआई टूल से पाया कि 38 फीसदी स्वयं को नुकसान पहुंचाने वाली तस्वीरें और 88 फीसदी गंभीर तस्वीरों और कंटेंट को पहचान किया। अध्ययन में पाया गया कि इंस्टाग्राम का एल्गोरिदम स्वंय को नुकसान पहुंचाने के विस्तार में मदद कर रहा था। इसमें 13 साल के बच्चे आत्महत्या या नुकसान करने वाले समूह के साथ सदस्य के तौर पर जुड़ जाते थे और हिंसा से जुड़ी तस्वीरों को प्रकाशित कर रहे थे। हालांकि, मेटा के एक प्रवक्ता ने कहा कि खुद को चोट संबंधी सामग्री के बारे में पता चलता है तो उसे प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाता है। 2024 की पहली छमाही में इंस्टाग्राम पर आत्महत्या और हिंसा से संबंधित 12 लाखसे अधिक कंटेंट हटा दिए। वहीं शोधकर्ताओं ने पाया कि मेटा यूरोपियन नीतियों का पालन नहीं कर रहा है।