लखनऊ। यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए विधान भवन के तिलक हॉल में मतदान शुरू हो गया है। चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की संभावना जताई जा रही है।
राज्यसभा की 10 सीटों के लिए भाजपा ने आठ और सपा ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं। एक सीट जीतने के लिए 37 विधायकों के वोट की जरूरत है। भाजपा को आठवां और सपा को तीसरा उम्मीदवार उतारे के लिए अतिरिक्त वोटों की जरूरत है। सूत्रों के अनुसार सोमवार देर रात तक सपा-भाजपा अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए जरूरी मतों की लामबंदी में जुटे रहे। भाजपा ने दावा किया है कि उसके आठों प्रत्याशियों की जीत होगी तो सपा भी अपने तीनों उम्मीदवारों की जीत के लिए आश्वस्त है। उधर भाजपा के पास आठवां और सपा के पास तीसरा उम्मीदवार जिताने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं है। इसीलिए दोनों को अतिरिक्त विधायकों की जरूरत है। इसको लेकर दोनों पार्टियां लामबंदी में जुटी हुई हैं। भाजपा रालोद के साथ ही राजा भैया के विधायकों का साथ पाने में कामयाब हो गई है। रालोद विधायकों ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर स्थिति साफ कर दी है। इसी तरह राजा भैया ने भी यह साफ कर दिया है कि दोनों विधायक राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट करेंगे। इसके पहले सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर अपने पांचों विधायकों के साथ मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं। भाजपा ने इनके सहारे एकजुटता का प्रदर्शन किया है। राज्यसभा चुनाव के लिए अब तक तय फार्मूले के मुताबिक एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 37 विधायकों की जरूरत है। भाजपा के पास अपना और अपना दल (सोनेलाल), रालोद, निर्बल इंडिया शोषित दल, सुभासपा(5) और राजा भैया की पार्टी को मिलाकर 288 विधायक होते हैं। भाजपा को आठों उम्मीदवार को जिताने के लिए 296 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। इस हिसाब से उसे अभी 9 विधायकों की और जरूरत है। सपा और कांग्रेस मिलाकर 108 विधायक होते हैं। उसे तीन अतिरिक्त विधायक की जरूरत है। सपा के इरफान सोलंकी व रमाकांत यादव और सुभासपा के अब्बास अंसारी जेल में हैं। इन विधायकों के वोट न कर पाने की स्थिति में भाजपा को नौ और सपा को तीन अतिरिक्त विधायकों की जरूरत पड़ेगी। ऐसी स्थिति में तोड़फोड़ और क्रास वोटिंग की संभावना और बढ़ जाती है। बसपा ने अभी स्थिति साफ नहीं की है। उसके पास मात्र एक विधायक है। बसपा विधायक अंतरआत्मा की आवाज पर या तो वोट कर सकते हैं या फिर गैर हाजिर रह सकते हैं।