मुंबई। शराब कारोबारी विजय माल्या देश का पहला भगोड़ा आर्थिक अपराधी हो गया। शनिवार को मुंबई की विशेष अदालत ने माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया। अब सरकार माल्या की सारी संपत्ति जब्त कर सकेगी। भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून-2018 के तहत माल्या पहला अपराधी है जिसे भगोड़ा घोषित किया गया है।
पिछले साल जुलाई में प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई की धनशोधन निरोधक कानून (पीएमएल) की विशेष अदालत के समक्ष बैंकों के 9000 करोड़ रुपये के कर्जदार माल्या को भगोड़ा घोषित करने की अपील की थी। साथ ही माल्या की 12,500 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त करने की इजाजत भी मांगी थी। माल्या ने ईडी की याचिका पर सुनवाई नहीं करने की अपील की थी। कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। विशेष न्यायाधीश एमएस आजमी ने माल्या तथा ईडी के वकील की व्यापक दलील सुनने के बाद माल्या को कानून की धारा-12 के तहत भगोड़ा घोषित किया। माल्या की संपत्ति जब्त करने को लेकर पीएमएलए कोर्ट में अब 5 फरवरी को सुनवाई होगी। माल्या मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गया था। वह भारत में वांछित है। गौरतलब है कि पिछले एक माह में माल्या के लिए यह फैसला दूसरा झटका है। इससे पहले लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत ने 10 दिसंबर को माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने का फैसला दिया था। अदालत ने मामला ब्रिटिश सरकार को भेजा है। यदि सरकार अदालत के फैसले से संतुष्ट होती है तो वह प्रत्यर्पण का आदेश जारी करेगी। उधर पंजाब नैशनल बैंक की 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने भारत लौटने से इनकार कर दिया है। नीरव ने इसके लिए सुरक्षा कारणों का हवाल दिया है। मिली जानकारी के अनुसार नीरव ने ‘प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट’ कोर्ट को दिए जवाब में कहा है कि वह सुरक्षा कारणों से भारत नहीं लौट सकते। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से भगोड़ा घोषित किए जाने के आवेदन के जवाब में नीरव ने कोर्ट से यह बात कही। वहीं उसका कहना है कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। पीएनबी स्कैम सिविल ट्रांजैक्शन था और इसे उस मामले से अलग तूल दिया जा रहा है। मैं सुरक्षा कारणों से देश वापस नहीं लौट सकता।
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