वाराणसी : केवि 39 जीटीसी में विश्व पृथ्वी दिवस पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता
वाराणसी। काशी ने एक बार फिर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय 39 जीटीसी में पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता इसी ओर इशारा कर रहा है। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य न केवल छात्रों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना था, बल्कि उन्हें अपनी रचनात्मकता के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश समाज तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करना भी था। इस आयोजन की थीम हमारी शक्ति, हमारा ग्रह थी, जो पर्यावरण संरक्षण में सामूहिक प्रयासों और व्यक्तिगत जिम्मेदारी की महत्ता को रेखांकित करती है।
विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय 39 जीटीसी में मंगलवार को हमारी शक्ति, हमारा ग्रह थीम पर पेस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का शुभारंभ विद्यालय के प्राचार्य डॉ. चंद्र भूषण प्रकाश वर्मा ने किया। प्राचार्य वर्मा ने अपने संबोधन पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि पर्यावरण की रक्षा केवल हमारी नैतिक जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हमारी भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने का संकल्प भी है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि छोटे-छोटे प्रयास, जैसे पेड़ लगाना, जल संरक्षण, और प्लास्टिक के उपयोग को कम करना, पर्यावरण संरक्षण में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। प्राचार्य ने इस बात पर भी जोर दिया कि युवा पीढ़ी ही वह शक्ति है जो समाज में बदलाव की लहर ला सकती है। इस अवसर पर विद्यालय के उपप्राचार्य और अन्य शिक्षक भी उपस्थित थे, जिन्होंने छात्रों का उत्साहवर्धन किया। साथ ही ऐसे आयोजनों में सक्रिय भागीदारी के लिए छात्रों को प्रोत्साहित किया।

पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में विद्यालय के सभी वर्गों के छात्रों ने भाग लिया। प्राथमिक कक्षा के छोटे बच्चों ने अपनी रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को कागज पर बेहतर ढंग से उकेरा। प्रतियोगिता को विभिन्न आयु वर्गों के लिए अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया गया था। छात्रों ने रंग-बिरंगे पोस्टर बनाए, जिनमें पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया। कुछ पोस्टरों में हरे-भरे जंगलों और स्वच्छ नदियों की तस्वीरें थीं, जो प्रकृति की सुंदरता को दर्शाती थीं, जबकि अन्य में प्रदूषण और पर्यावरणीय क्षरण के दुष्परिणामों को चित्रित किया गया था। कई पोस्टरों में प्रेरणादायक नारे और संदेश लिखे गए थे। इन नारों ने न केवल पर्यावरण संरक्षण का महत्व बताया, बल्कि समाज को जागरूक करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस प्रतियोगिता का सबसे महत्वपूर्ण पहलू था छात्रों द्वारा बनाए गए पोस्टरों के माध्यम से दिया गया पर्यावरण संरक्षण का संदेश। प्रत्येक पोस्टर एक कहानी कहता था, जो पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को उजागर करता था। उदाहरण के लिए, एक छात्र ने अपने पोस्टर में पृथ्वी को दो हिस्सा में दिखाया था, एक को लाल और दूसरे को हरा। एक छात्र ने पृथ्वी को पूरी तरह ग्रीन दिखाया था। कुछ ने चित्रों के साथ शब्दों को इस्तेमाल कर पोस्टर को आकर्षक और संदेशात्मक बनाया था। छात्रों ने अपने पोस्टरों में न केवल पर्यावरणीय समस्याओं को उजागर किया, बल्कि उनके समाधान भी सुझाए। यह पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता केवल एक कला प्रदर्शन नहीं थी, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का एक प्रभावी माध्यम भी थी। इस आयोजन ने छात्रों को अपनी रचनात्मकता और विचारों को व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया, साथ ही उन्हें पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने में भी मदद
विश्व पृथ्वी दिवस का महत्व
हम बता दें कि विश्व पृथ्वी दिवस, जो प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाता है, पर्यावरण संरक्षण के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी धरती एक अनमोल उपहार है, जिसे हमें संरक्षित और संवर्धित करना है। पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय 39 जीटीसी का यह आयोजन विश्व पृथ्वी दिवस के उद्देश्यों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इस आयोजन ने न केवल छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया, बल्कि उन्हें इस दिशा में सक्रिय योगदान देने के लिए भी प्रेरित किया।
प्रभावी आयोजन
पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय 39 जीटीसी, वाराणसी में आयोजित पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता एक प्रेरणादायक और प्रभावी आयोजन था, जिसने पर्यावरण संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया। इस प्रतियोगिता ने छात्रों को अपनी रचनात्मकता के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने का अवसर प्रदान किया और समाज में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्राचार्य डॉ. चंद्र भूषण प्रकाश वर्मा के नेतृत्व में यह आयोजन न केवल छात्रों के लिए एक शिक्षण अनुभव था, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण के प्रति विद्यालय की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक था।