हल्द्वानी। अनीता रावत
रेलवे ने उत्तराखंड आने वाले यात्रियों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब रेल यात्रियों को आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट भी साथ लानी होगी। इसके साथ ही स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी करवाना होगा। रेलवे ने इसके लिए यात्रियों को स्टेशनों पर जागरूक करना शुरू कर दिया है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि कोरोना रोकथाम के लिए उत्तराखंड पुलिस के अनुरोध पर उत्तराखंड आने वाले यात्रियों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर 25 जुलाई से आठ अगस्त तक होने वाली कांवड़ यात्रा पर भी रोक है। अब रेल यात्रियों को आरटीपीसीआर रिपोर्ट (जो 72 घंटे से अधिक पुरानी न हो) साथ रखनी जरूरी होगी। इसके साथ ही राज्य सरकार की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन भी करवाना होगा। अभी तक रेल यात्रियों के लिए कोरोना जांच रिपोर्ट जरूरी नहीं थी। देहरादून आने वाले ट्रेनों के यात्रियों की कोरोना जांच रेलवे स्टेशन पर ही हो रही थी। प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार एयरपोर्ट पर कोरोना की वैक्सीन लगाने का 15 दिन पुराना प्रमाणपत्र दिखाने वाले यात्रियों पर कोई रोक नहीं है। लेकिन जिनके पास वैक्सीन लगाने का प्रमाण और 72 घंटे पुरानी आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं है। उनकी एयरपोर्ट पर आरटीपीसीआर जांच कराई जा रही है। कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने वाले लोगों के लिए सरकार ने अभी यह व्यवस्था की है कि जिन्हें 15 दिन पहले वैक्सीन की दो डोज लग चुकी हैं, उनके लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट की बाध्यता नहीं है। हवाई, रेल और सड़क मार्ग से आने वाले सभी के लिए यह नियम लागू है। जिन्होंने दो डोज नहीं लगाई हैं, उनके लिए 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है। यदि रेलवे ने अपने स्तर से यात्रियों के लिए 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है तो यह अच्छी बात है, क्योंकि डबल डोज लगाने वाले व्यक्ति भी संक्रमण का कैरियर तो बन ही सकते हैं। उत्तराखंड में यदि संक्रमण दर में बढ़ोतरी होती है तो सोमवार को नई गाइड लाइन में सख्त प्रावधान किए जा सकते हैं।