देहरादून।अनीता रावत
स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 में उत्तराखंड को भी जगह मिली है। सबसे स्वच्छ गंगा टाउन का खिताब चमोली जिले के गौचर को मिला है। दरअसल, इसके तहत गंगा के किनारे बसी तहसीलों को साफ-सफार्इ के आधार पर चुना जाना था। इसमें गौचर को सबसे साफ पाया गया है। स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 के पुरस्कारों के लिए टीम की ओर से सर्वे किया गया। इसके लिए दिल्ली की टीम ने राज्य में लंबा समय बिताकर जानकारी जुटाई। इसके बाद टीम ने एक हफ्ते तक अलग-अलग क्षेत्रों में जानकारियां जुटाई। देश के चार हजार से अधिक शहरों में सर्वे किया था। इसके बाद शहरी विकास मंत्रालय ने अलग-अलग वर्गों में रैंकिंग जारी की। इसमें उत्तराखंड के गौचर को सबसे स्वच्छ गंगा टाउन चुना गया है।
गंगा की सहायक नदी अलकनंदा किनारे बसे छोटे से शहर गौचर (नगर पालिका परिषद) से उत्तराखंड के सभी शहरों को स्वच्छता की सीख लेनी चाहिए। यह समझने की जरूरत है कि सीमित संसाधनों का उपयोग कर यह शहर जब देशभर में उत्तराखंड का नाम रोशन कर सकता है, तो भारी-भरकम बजट वाले नगर निगम यह क्यों नहीं कर सकते।
1920 के दशक में गौचर को पहली बार पहचान मिली। उस वक्त देश के तत्कालीन वायसराय की पत्नी लेडी विलिंगडन यहां हवाई मार्ग से उतरीं। इसके बाद साल 1938 में पंडित नेहरू के साथ उनकी बहन विजया लक्ष्मी पंडित भी बदरीनाथ की यात्रा के लिए हवाई मार्ग से यहां पहुंची थी।