वाशिंगटन।
अमेरिका ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद मामले में भारत को काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट (कात्सा) से संभावित छूट देने के मुद्दे पर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया है। बाइडन प्रशासन से जुड़े अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। ‘कात्सा’ में रूस की रक्षा और खुफिया कंपनियों के साथ कारोबार करने वाले देशों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है।अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने स्पष्ट किया कि बाइडन प्रशासन भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को काफी अहमियत देता है। हालांकि, कात्सा में देश विशेष को छूट देने की व्यवस्था नहीं है। इस संबंध में द्विपक्षीय बातचीत जारी रहेगी। प्राइस की यह टिप्पणी भारत को रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की आपूर्ति शुरू होने के एक हफ्ते बाद आई है। रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी के शीर्ष सांसदों ने एस-400 की खरीद को लेकर भारत पर कात्सा के तहत प्रतिबंध नहीं लगाने का अनुरोध किया है। प्राइस ने कहा कि रूस से एस-400 की आपूर्ति पर किसी भी टिप्पणी के लिए आपको भारत सरकार का रुख करना चाहिए। जहां तक कात्सा की बात है तो अमेरिका ने न सिर्फ भारतीय, बल्कि अधिक व्यापक संदर्भ में भी शुरू से ही अपना रुख स्पष्ट किया है। उसने अपने सभी सहयोगियों, सभी भागीदारों से रूस के साथ लेन-देन त्यागने का आग्रह किया है, वरना उन्हें कात्सा के तहत दंडात्मक कार्रवाई झेलनी पड़ सकती है। हमने रूस से हथियारों के लेन-देन के संबंध में भारत को कात्सा से छूट के मुद्दे पर अभी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। अगस्त 2017 से प्रभावी ‘कात्सा’ अमेरिकी प्रशासन को उन देशों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की इजाजत देता है, जो रूस की रक्षा और खुफिया कंपनियों के साथ कारोबार करते हैं। अमेरिका ने यह कानून 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में मॉस्को के कथित हस्तक्षेप की खबरों के मद्देनजर लागू किया था। अमेरिका के पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन ने रूस से ‘एस-400’ मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद को लेकर तुर्की पर ‘कात्सा’ के तहत प्रतिबंध लगाए थे। उसने ‘एस-400’ की आपूर्ति को लेकर भारत-रूस के बीच हुए समझौते के मद्देनजर नई दिल्ली के खिलाफ भी इस तरह की दंडात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी।