लखनऊ। संभल की शाही जामा मस्जिद पर हरिहर मंदिर होने का दावा 19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में किया गया। कैला देवी मंदिर के महंत त्रषिराज गिरि महाराज की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन व हरि शंकर जैन ने यह दावा पेश किया। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर रविवार को कोर्ट कमिश्नर की टीम शाही जामा मस्जिद में दूसरी बार सर्वे को पहुंची तो बवाल हो गया। सवेरे करीब पौने नौ बजे उपद्रवियों ने पहले जामा मस्जिद के बाहर और फिर नखासा इलाके में पुलिस पर जमकर पथराव किया। उन्होंने दोनों स्थानों पर कम से कम एक दर्जन वाहनों को आग लगा दी और फायरिंग की। इस दौरान एसपी के पीआरओ, सीओ और कोतवाल समेत दर्जनभर पुलिसकर्मी घायल हो गए। उधर, बार-बार समझाने के बाद भी भीड़ के शांत न होने पर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पहले आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर लाठीचार्ज कर दिया। कई राउंड हवाई फायरिंग भी की। करीब ढाई घंटे चली हिंसा के दौरान भीड़ में शामिल तीन लोगों की मौत हो गई है। पुलिस ने दो महिलाओं 15 लोगों को हिरासत में लिया है। उधर, जामा मस्जिद के बाहर बवाल के दौरान ही पुलिस ने भारी सुरक्षा के बीच सर्वे टीम को जैसे-तैसे सुरक्षित बाहर निकाला। रविवार को कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव के साथ वादी अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, डीएम डा. राजेंद्र पैंसिया, एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई पुलिस बल के साथ दोबारा सर्वे करने शाही जामा मस्जिद पहुंचे थे। करीब 7.30 बजे सर्वे शुरू हुआ। सर्वे के दौरान मस्जिद के पीछे गलियों व सड़कों पर मुस्लिम समाज के लोग जुटने लगे। माहौल को देखते हुए पहले एसपी केके विश्नोई और बाद में डीएम डा. पैंसिया मस्जिद से निकलकर पुलिस बल के साथ लोगों को समझाते रहे लेकिन लोग नहीं माने। इस बीच मस्जिद के पीछे गली में उग्र भीड़ को काबू में करने के लिए जब पुलिस ने पहली लाठी भांजी तो ये हजारों की भीड़ के लिए चिंगारी साबित हुआ। गुस्साए लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पहले से पुलिस वाले जान बचाकर भागे लेकिन फिर पलटवार करते हुए लाठी चार्ज कर दिया। इसके बाद तो भीड़ और उग्र हो गई और दोनों ओर से पुलिस को घेरकर पथराव करने लगी। उन्होंने कई बार पुलिस को पीछे हटने पर मजबूर किया। मौके का फायदा उठाकर उग्र भीड़ ने मस्जिद के पीछे खड़ी दो कार, चार बाइकों में एक-एक कर आग लगा दी। साथ ही आधा दर्जन से अधिक प्रशासन, स्थानीय लोगों के वाहनों को तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया। हालात बिगड़ता देख मस्जिद से उपद्रवियों को गोली मारने का आदेश देना पड़ा। इसके बाद उपद्रवियों ने भी फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग से भीड़ तितर-बितर हो गई। कार्रवाई के दौरान एक उपद्रवी की मौत हो गई। तब तक डीआईजी मुनिराज जी भी पहुंच गए। जिसके बाद डीआईजी, डीएम व एसपी ने गलियों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। एक-एक कर 15 उपद्रवियों को पकड़कर कोतवाली भेजा। जामा मस्जिद पर हालात काबू में आने के बाद नगर पालिका ने पत्थरों को समेटना शुरू किया तो अचानक जुटी भीड़ ने नखासा चौराहे पर हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस को देख उस पर पथराव शुरू कर दिया। वहां भी लोगों ने आगजनी करने का प्रयास किया। फायरिंग की। जिसके बाद मौके पर एसपी, डीआईजी ने भीड़ को नियंत्रित किया। इसी दौरान कमिश्नर अंज्नेय कुमार भी पहुंच गए। बाद में हिंसा में घायल दो और लोगों की मौत हो गई। दोनों जगह की हिंसा में एसपी केके विश्नोई के पीआरओ संजीव कुमार, सीओ अनुज चौधरी, डिप्टी कलेक्टर रमेश बाबू, सदर कोतवाल अनुज तोमर समेत दो दर्जन से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए।