नई दिल्ली। नीलू सिंह
गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के विधेयक को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। शीतकालीन सत्र में लोकसभा और राज्यसभा के अंतिम कार्य दिवस पर पारित हुए संविधान संशोधन विधेयक को शनिवार सुबह को राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दी। वहीं शनिवार शाम को सामाजिक न्याय मंत्रालय ने इससे जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी। अधिसूचना जारी होने के साथ ही गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण लागू हो गया है।
आर्थिक तौर पर पिछड़े सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण दिए जाने वाले बिल पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुहर लगा दी। इसके बाद ये बिल अब कानून बन गया। इससे पहले, लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने वाले संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। बताया जा रहा है कि यह विधेयक संघीय ढांचे में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करता, इसलिए इसे राज्यों की विधानसभाओं की मंजूरी की जरूरत नहीं है। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही यह बिल कानून का रूप ले लिया। सूत्रों के अनुसार अधिसूचना में आर्थिक स्थिति को लेकर कोई सीमा तय नहीं की गई है, बल्कि इसकी जिम्मेदारी सरकार पर छोड़ी गई है। सरकार ही समय-समय पर इसका निर्धारण करेगी। पहली बार आर्थिक आधार पर आरक्षण प्रदान करने वाले इस कानून के तहत आर्थिक रूप से कमजोर सभी धर्म के सामान्य लोगों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में (निजी कॉलेजों समेत) 10 फीसदी का आरक्षण मिलेगा।