नई दिल्ली। गगनयान मिशन में यूपी के अंतरिक्ष यात्रियों की धमक बढ़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गगनयान मिशन के लिए चयनित चार अंतरिक्ष यात्रियों ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला के नामों की घोषणा की। सभी अंतरिक्ष यात्री अभी भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं। चारों अंतरिक्ष यात्री भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के लड़ाकू विमानों के पायलट हैं। उन्होंने बेंगलुरु में विमान और सिस्टम परीक्षण प्रतिष्ठान (एएसटीई) से प्रशिक्षण लिया है। गगनयान मिशन के लिए चुने गए ये अंतरिक्ष यात्री गोल्ड मेडलिस्ट, स्वर्ड ऑफ ऑनर जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित पायलट हैं।
बताया जा रहा है कि केरल के तिरुवजियाड में जन्मे ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं। वायु सेना अकादमी में स्वर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित हैं। उन्होंने 19 दिसंबर 1998 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में ज्वाइन किया था। वह एक कैट ए फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं और उनके पास लगभग 3000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने सुखोई-30 , मिग-21, मिग-29, हॉक, डॉर्नियर, एएन-32 सहित कई प्रकार के विमान उड़ाए हैं। वह यूनाइटेड स्टेट्स स्टाफ कॉलेज के पूर्व छात्र रहे हैं। वहीं ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं। उन्हें वायु सेना अकादमी में प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल तथा स्वर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित हैं। 21 जून 2003 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में योगदान दिया। उनके पास लगभग 2900 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने सुखोई-30 , मिग-21, मिग-29, जगुआर, डोर्नियर, एएन-32 इत्यादि कई प्रकार के विमान उड़ाए हैं। वे डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के पूर्व छात्र भी हैं। यूपी के प्रयागराज निवासी ग्रुप कैप्टन अंगद प्रतापराष्ट्रीय रक्षा अकादमी से पढ़ाई के बाद 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में नियुक्ति हुई थी। वे फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं और उनके पास लगभग 2000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने सुखोई-30 , मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर, एएन-32 इत्यादि कई प्रकार के विमान उड़ाए हैं। अंगद प्रताप भी डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के पूर्व छात्र रहे हैं। वहीं लखनऊ में जन्मे विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला 17 जून 2006 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में नियुक्त हुए थे। वे फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट हैं, जिनके पास लगभग 2000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने सुखोई-30 , मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर, एएन-32 आदि सहित विभिन्न प्रकार के विमान उड़ाए हैं।