जेनेवा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने काबुल में हुए आत्मघाती हमलों की शुक्रवार को कड़ी निंदा की। परिषद ने अफगानिस्तान में आतंकवाद से मुकाबले के महत्व पर जोर दिया, जिससे यह सुनिश्चित हो कि किसी देश को धमकाने या उस पर हमले करने के लिए अफगान सरजमीं का इस्तेमाल न हो पाए। यूएनएससी की अध्यक्षता फिलहाल भारत के हाथों में है।
यूएनएससी ने एक बयान जारी कर कहा, इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवांत (आईएसआईएल/दाएश) से संबद्ध संगठन इस्लामिक स्टेट इन खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) की ओर से किए गए इस हमले में बच्चों और सैनिकों समेत दर्जनों असैन्य नागरिक हताहत हुए हैं। आतंकवाद के इन निंदनीय कृत्यों के साजिशकर्ताओं, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों की जवाबदेही तय करने तथा उन्हें न्याय के दायरे में लाने की जरूरत है। यूएनएससी ने कहा, असैन्य कर्मियों और नागरिकों को वहां से निकलने में मदद कर रहे लोगों को जानबूझ कर निशाना बनाया जाना विशेष रूप से घृणित है। इसकी कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। उधर, अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने काबुल हमले में मारे गए अमेरिकी जवानों को ऐसा नायक करार दिया, जो सैकड़ों जिंदगियों को बचाने की कोशिश करते हुए शहीद हो गए। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हमारा देश सभी वर्दीधारी पुरुषों और महिलाओं का आभारी है। खासकर उन लोगों का, जो काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में मौजूद अमेरिकियों और उनके मददगारों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिशों में जुटे हैं। हम यह मिशन पूरा करके रहेंगे। हम उन लोगों को श्रद्धांजलि देते हैं, जो देश सेवा में शहीद हो गए। हम उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे। रूस ने काबुल में गुरुवार को हुए बम धमाकों की कड़ी निंदा करते हुए अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को लेकर गहरी चिंता जताई। क्रेमलिन (राष्ट्रपति कार्यालय) के प्रवक्ता दिमित्रि पेशकोव ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘दुर्भाग्यपूर्ण रूप से इस बात की आशंका जताई जा रही है कि आईएस समेत अन्य आतंकी संगठन अफगानिस्तान में पैदा हुए मौजूदा हालात का फायदा उठाकर अपनी स्थिति मजबूत कर सकते हैं। रूस बम धमाके के बाद अफगानिस्तान में पैदा हुए हालात को लेकर बहुत चिंतित है।
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