महाराष्ट्र। टीएलआई
9महाराष्ट्र की सियासत ने नया इतिहास रच दिया है। शुक्रवार देर रात जो मुख्यमंत्री बन रहा था शनिवार सुबह वह ठगा रह गया और सीएम पद की शपथ किसी और ने ले ली। जी हां शिवसेना अध्यक्ष के नाम पर एनसीपी और कांग्रेस ने सहमति जता दी थी। लेकिन शनिवार सुबह भाजपा ने एनसीपी के अजीत पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली। मुख्यमंत्र पद की शपथ भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने ली तो उप मुख्यमंत्री की कुर्सी एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार को मिली है। हालांकि जिस तेजी से महाराष्ट्र में रातों रात सियासी घटनक्रम बदली है उससे कई सवाल उठने लगे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू है और इसे हटाकर सरकार गठन करने की एक पूरी प्रक्रिया होती है। ऐसे में 12 घंटे से कम समय पर इस तरह की प्रक्रिया कैसे पूरी हुई।
शनिवार सुबह महाराष्ट्र में भाजपा ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सुबह राजभवन में देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार ने भी उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सियासत में जिस तेजी से यह घटनक्रम हुआ उससे सियासी विशेषज्ञ कहने लगे हैं कि फिल्म से ज्यादा बड़ी पीछे की पिक्चर हो गई। शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस देखती रह गई और मुख्यमंत्री की कुर्सी भाजपा ले उड़ गई। इसके साथ ही फडणवीस और भाजपा नेता चंद्रकांत पाटील का दावा भी सही साबित हुआ। सीएम भाजपा का ही और देवेंद्र फडणवीस बने। इस बदले समीकरण पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार का कहना है कि भाजपा के साथ जाना अजित पवार का निजी फैसला है। अजित पवार के फैसले से एनसीपी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अजित पवार ने पार्टी तोड़ दी है। सूत्रों के अनुसार पवार ने यही जानकारी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, अहमद पटेल को दी है। वहीं मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने हमें स्पष्ट जनादेश दिया था, शिवसेना ने जनादेश का अपमान किया है। महाराष्ट्र की जनता को स्थिर सरकार चाहिए, खिचड़ी सरकार नहीं चाहिए। उधर कांग्रेस नेताओं ने मौन साध लिया है। हालांकि बताया जा रहा है कि इस घटनक्रम के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार में बातचीत होने वाली है। वही एक बार फिर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की बैठक होगी।