लखनऊ। टीएलआई
एसटीएफ ने शुक्रवार को बीएड की प्रवेश परीक्षा में सॉल्वर गैंग का खुलासा किया। दूसरे की जगह परीक्षा दे रही एक युवती समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी शिक्षक है। एसटीएफ ने युवती के पास से ओएमआर शीट, बुकलेट, आधार कार्ड और 22 हजार रुपये बरामद किया है। इससे पहले भी धर्मेंद्र गैंग को एसटीएफ ने जनवरी 2021 में कर्नलगंज में पकड़ा था। 31 जनवरी को केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में सॉल्वर गैंग के सात सदस्य प्रशांत सिंह, शिक्षक धर्मेंद्र यादव, शिव पूजन पटेल, मुनेश चौहान, आदित्य शाही, पूजा, यमेंद्र कुमार पकड़े गए थे।
एसटीएफ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में सॉल्वर गैंग की निगरानी की जा रही थी। मुखबिर से सूचना मिली कि पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री कॉलेज, हंडिया में कोरांव की रहने वाली ऊषा देवी की जगह कोई दूसरी महिला परीक्षा दे रही है। एसटीएफ ने छापेमारी करके ऊषा की जगह परीक्षा दे रही दीक्षा को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से ऊषा का प्रवेश पत्र मिला है। पूछताछ के बाद एसटीएफ ने इस गैंग से जुड़े शिक्षक बालेंद्र सिंह पटेल को भी गिरफ्तार कर लिया। महिला अभ्यर्थी फरार है।
बताया जा रहा है कि फतेहपुर निवासी दीक्षा प्रयागराज में पहले प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती थी। वर्तमान में वह एचडीएफसी बैंक गाजियाबाद में काम करती है। वहीं रहती है। प्रयागराज में रहने के दौरान वह शंकरगढ़ निवासी शिक्षक बालेंद्र सिंह पटेल और धर्मेंद्र यादव के संपर्क में आई थी। दोनों प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराते थे। दावा है कि दीक्षा इससे पहले भी सुपर टेट, टीईटी और बीएड समेत पांच परीक्षाओं में दूसरों की जगह परीक्षा दे चुकी है। प्रतियोगी परीक्षाओं में वह 50 हजार रुपये एडवांस लेती थी और पास होने के बाद उसे पांच लाख रुपये मिलते थे। बीएड की परीक्षा में उसे 20 हजार रुपये एडवांस मिले थे। इस गैंग का सरगना शिक्षक बालेंद्र सिंह प्राथमिक विद्यालय टिकरहिकला शंकरगढ़ में शिक्षक है।