तिरुपति लड्डू मामला : रुड़की की घी फैक्टरी पर छापेमारी

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देहरादून, करन उप्रेती। उत्तराखंड खाद्य संरक्षा विभाग की टीम ने रविवार को रुड़की के भगवानपुर स्थित भोले बाबा ऑरगेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड में छापा मारा। निरीक्षण के दौरान फैक्ट्री में डेयरी उत्पादों का उत्पादन कार्य बंद मिला। फैक्ट्री में मौजूद कर्मचारी केंद्रीय एफएसएसएआई लाइसेंस के अलावा दूसरे जरूरी दस्तावेज नहीं दिखा सके। विभाग ने निरीक्षण के बाद केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी दी है। इसमें भोले बाबा डेयरी का लाइसेंस निरस्त करने की सिफारिश की गई है।
तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में मिलावट का मामला सुर्खियों में है। जांच पड़ताल में पता चला था कि तिरुपति लड्डू प्रसाद में मिला घी रुड़की के भगवानपुर स्थित डेयरी से सप्लाई हुआ था। इसके बाद रविवार को उत्तराखंड के खाद्य संरक्षा विभाग की टीम ने फैक्ट्री का निरीक्षण किया। फैक्ट्री 2014 से संचालित होने की बात सामने आई। निरीक्षण टीम में जिला खाद्य संरक्षा अधिकारी महिमानंद जोशी, वरिष्ठ खाद्य संरक्षा अधिकारी रुड़की योगेंद्र पांडे, वरिष्ठ खाद्य संरक्षा अधिकारी दलीप जैन, खाद्य संरक्षा अधिकारी कपिलदेव शामिल रहे। निरीक्षण के दौरान उत्पादों का निर्माण बंद मिला। मशीनरी, प्रिंटेड रैपर और खाली टिन रखे मिले। सिर्फ दो दो कर्मचारी फैक्ट्री में मौजूद थे, जिन्होंने बताया कि पिछले एक महीने से फैक्ट्री में उत्पादन कार्य बंद है। वह दोनों फैक्ट्री की देखरेख के लिए रखे गए हैं। खाद्य संरक्षा विभाग के मुताबिक, फर्म के मैनेजर से फोन पर संपर्क किया गया, लेकिन मैनेजर ने मौके पर पहुंचने में असमर्थता बताई। विभाग ने नोटिस जारी कर दो साल के भीतर फैक्ट्री से माल कहां-कहां सप्लाई हुआ है ये जानकारी संचालक और मैनेजर से मांगी है। में एक महीने से उत्पादन क्यों बंद हैं, इसकी भी जांच की जा रही है। तिरुपति लड्डू विवाद में उत्तराखंड की डेयरी के घी का नाम आने से रविवार को उत्तराखंड में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग के सचिव एवं खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार के निर्देश पर विभागीय टीम ने डेयरी का निरीक्षण किया। इसमें पता चला कि डेयरी के पास भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण का केंद्रीय लाइसेंस है। खाद्य संरक्षा विभाग के संयुक्त आयुक्त डॉ. आरके सिंह ने बताया कि डेयरी फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया और जांच के बाद लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की गई है। इस संदर्भ में अंतिम निर्णय भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण को करना है। केंद्रीय लाइसेंस पर संचालित फूड फैक्टिरियों एवं डेयरियों पर कार्रवाई का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है।

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