हल्द्वानी। अनीता रावत
सड़कें बंद होने से मुनस्यारी का प्रसिद्ध आलू और राजमा बाजार नहीं पहुंच पा रहा है। किसानों के लिए बंद सड़कों और बदहाल रास्तों के बीच इन उत्पादों को बाजार पहुंचाना मुश्किल हो गया है। क्षेत्र के विभिन्न गांवों में एक हजार कुंतल से अधिक आलू और 400 कुंतल से अधिक राजमा डंप है। समय बीतने के साथ किसानों को इसके खराब होने की चिंता सता रही है।
भले ही राज्य में किसानों की आय दोगुनी करने के दावे हो रहे हैं, लेकिन सीमांत के किसानों की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही। सरकारी मशीनरी की सुस्ती का खामियाजा मुनस्यारी के आलू और राजमा उत्पादक किसान भुगतने को मजबूर हैं। मदकोट, बोना, गोल्फा, तोमिक सहित क्षेत्र के कई गांव आलू और राजमा उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां के 500 से अधिक किसानों की आजीविका आलू और राजमा है। लेकिन लंबे समय से सड़कें बंद रहने से इन किसानों की मुश्किल बढ़ गई है। गांवों में एक हजार कुंतल से अधिक आलू और 400 कुंतल से अधिक राजमा डंप पड़ा है, जो सड़कें बंद होने से बाजार नहीं पहुंच पा रहा। बाजार न मिलने से किसानों को खासा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। समय बीतने के साथ ही आलू-राजमा के खराब होने की संभावना बढ़ गई है, जिससे किसान मायूस और परेशान हैं। बोना और गोल्फा गांव को जोड़ने वाली एकमात्र मदकोट-बोना-गोल्फा सड़क पिछले पांच माह से बंद है, जिसे अब तक नहीं खोला जा सका। यहां के लोगों ने जल्द सड़क न खुलने पर विधान सभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी है।