प्रयागराज, राजेंद्र तिवारी। प्रयागराज की शास्त्रीय सीमा में महाकुंभ के दौरान मांस-मदिरा की बिक्री और खरीद नहीं होगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अधिकारियों को आदेश दिए।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के दौरान मांस-मदिरा की बिक्री पर रोक लगाने का बड़ा ऐलान किया। इसकी मांग अखाड़े के साधु-संत लंबे समय से कर रहे थे। लगभग साढ़े छह घंटे तक प्रयागराज में रहे सीएम योगी ने संगम नोज पर गंगा पूजन, आरती के साथ भ्रमण और बैठक से समीक्षा की शुरुआत की। इस दौरान सीएम ने मेला प्राधिकरण कार्यालय में महाकुम्भ 2025 का लोगो, वेबसाइट, मोबाइल एप भी लांच किया।
तैयारियों की समीक्षा के लिए सीएम योगी सुबह लगभग 10:15 बजे परेड मैदान पर बने हेलीपैड पर उतरे। इसके बाद वीआईपी घाट से मोटरबोट पर संगम नोज पहुंचे। जहां प्रभारी मंत्री स्वतंत्र देव सिंह व अन्य जन प्रतिनिधियों के साथ गंगा पूजन व आरती की। इसके बाद अक्षयवट कॉरिडोर का काम देखा। फिर बड़े हनुमान मंदिर पहुंचकर पूजन आरती की और कॉरिडोर निर्माण का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री इसके बाद परेड मैदान पर बनाए गए गंगा पंडाल में पहुंचे और अखाड़ा परिषद के साधु-संतों, तीर्थ पुरोहितों व अन्य के साथ बैठक की। जिसमें महाकुम्भ 2025 के दौरान प्रयागराज की शास्त्रीय सीमा में मांस-मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध का ऐलान करने के साथ ही साधु-संतों की मांगों को सुना और आगे विचार करने का भरोसा दिलाया। शाही, पेशवाई शब्द हटाने पर सीएम ने आगे विचार करने, अखाड़ों को आर्थिक सहायता पर जरूरी मदद करने, अखाड़ों के हर पंथ को अपने स्नान का क्रम तय करने के लिए कहा। लगभग एक घंटे 45 मिनट तक चली बैठक के बाद सीएम आईट्रिपलसी सभागार पहुंचे। जहां उपमुख्यमंत्री व अन्य जन प्रतिनिधियों के साथ महाकुम्भ 2025 का लोगो लांच किया। अब देश-दुनिया में महाकुम्भ 2025 का व्यापक प्रचार प्रसार हो सकेगा। सीएम ने अफसरों के साथ 6500 करोड़ की परियोजनाओं की समीक्षा की और सभी काम 10 दिसंबर की नई डेडलाइन तक पूरा करने का ऐलान किया। साथ ही 10 से 15 दिसंबर के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित करने की तैयारी में जुटने को कहा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठक में अफसरों को महाकुम्भ को सुरक्षा, समयबद्धता, सहूलियत, शालीनता और स्वच्छता का संदेश देने वाला निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि 2019 के कुम्भ की व्यवस्था के बाद यूनेस्को ने प्रयागराज कुम्भ को विश्व की अमूर्त धरोहर घोषित किया था। हमें एक बार फिर महाकुम्भ-25 की वैश्विक पहचान बनाने के लिए काम करना है। ऐसे में सभी काम समय से कराएं, साधु संतों और श्रद्धालुओं की सहूलियत का ध्यान रखें, श्रद्धालुओं से शालीनता से पेश आएं, सुरक्षा के लिए इसे एंटी ड्रोन जोन बनाएं, स्वच्छता का व्यापक संदेश दें।