श्रीनगर। अर्पणा पांडेय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा पर आधुनिक बुनियादी ढांचे से देश की सैन्य क्षमताओं में वृद्धि होने पर जोर देते हुए गुरुवार को कहा कि भारत को बदलते तरीकों के अनुरूप सैन्य क्षमताएं बढ़ानी होंगी। मोदी ने दिवाली के अवसर पर जम्मू-कश्मीर में राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही सर्जिकल स्ट्राइक के बाद क्षेत्र में शांति भंग करने के लिए अनगिनत प्रयास किए गए हों, लेकिन हर बार आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब दिया गया।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत को बदलती दुनिया और युद्ध के बदलते तरीकों के अनुरूप अपनी सैन्य क्षमताएं विकसित करनी होंगी। उन्होंने कहा कि संपर्क बढ़ाने और सैनिकों की तैनाती के लिए सीमा पर आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया गया है। सैनिकों की वीरता की सराहना करते हुए, मोदी ने कहा कि वे मां भारती के सुरक्षा कवच हैं और उनकी वजह से ही देश के लोग चैन की नींद सो पाते हैं और त्योहारों के दौरान खुशी होती है। मोदी ने 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक में यहां ब्रिगेड की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि उनकी भूमिका देश के लोगों को गर्व से भर देती है। मोदी ने कहा, मैं उस दिन को हमेशा याद रखूंगा क्योंकि यह तय किया गया था कि सभी सैनिक सूर्योदय से पहले लौट आएंगे और मैं यह जानने के लिए उत्सुकता से इंतजार कर रहा था कि क्या मेरे सभी जवान वापस आ गए हैं। किसी के हताहत हुए बिना, सभी जांबाज अपने काम को पूरा कर लौट आए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद क्षेत्र में शांति भंग करने के लिए अनगिनत प्रयास किए गए और ऐसे प्रयास अब भी किए जा रहे हैं, लेकिन हर बार आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब दिया गया है। मोदी ने कहा कि देश की आजादी की रक्षा की जिम्मेदारी सभी की है और आज का भारत आजादी के अमृत काल में अपनी क्षमताओं और संसाधनों से अवगत है। उन्होंने रक्षा संसाधनों में बढ़ती आत्मनिर्भरता के महत्व को भी रेखांकित किया, जो पहले विदेशों पर निर्भरता की अवधि और रक्षा खरीद के लिए लगने वाले लंबे समय के विपरीत है। उन्होंने कहा कि रक्षा बजट का 65 प्रतिशत देश के अंदर इस्तेमाल किया जा रहा है और कहा कि 200 उत्पादों की एक सूची तैयार की गई है जो केवल स्वदेशी रूप से खरीदे जाएंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही सूची का विस्तार किया जाएगा।