पीलीभीत। लोन व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने कहा कि जिनके पास अथाह पैसा है, उनके लोन माफ हो रहे हैं और जिनके पास ढाई लाख नहीं है, उन्हें लोन चुकाने के लिए शरीर के अंग बेचने पड़ रहे हैं।
दो दिवसीय दौरे पर संसदीय क्षेत्र पहुंचे सांसद वरुण गांधी ने कहा कि तीन दिन पहले मैंने अखबार में पढ़ा कि बुलंदशहर में एक किसान को ढाई लाख का लोन चुकाने के लिए अपने शरीर के दो अंगों को बेचना पड़ा। वहीं, एक अन्य अखबार में खबर थी कि बड़े उद्योगपतियों के 70 हजार करोड़ का लोन माफ किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कैसा भारत है, क्या गरीबों का लोन माफ नहीं होना चाहिए। इससे पूर्व खमरिया पुल पर समर्थकों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वे ललौरीखेड़ा के डंडिया भिसौड़ी, भगवंतपुर, नांद पसियापुर, ऐमी, गहलुईया, गोंछ, कनाकोर, उमरसड़, रमपुरा उझैनिया, कल्याणपुर व शिवपुरिया पहुंचे और संवाद किया।
सांसद वरुण ने कहा कि गरीबों को बहुत सारी सुविधाएं दिए जाने की बात कही जाती है लेकिन यह सब कहने की ही बात है। हकीकत में गरीबों की कोई सुनने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर हम आम इंसान के संघर्ष को लेकर मौन हो जाएंगे तो लोकतंत्र मौन की तरफ बढ़ जाएगा। यह सच्चाई है कि भारत में बराबर की व्यवस्था कभी नहीं रही है। आज लोगों के सपने तो बड़े हो गए पर साकार करने के लिए रास्ते बड़े नहीं हैं। लोगों के बीच की खाई बढ़ती जा रही है।
वरुण गांधी ने कहा कि चार दिन पहले जब वे यहां आए तो डीएम से लोन देने वालों की सूची मांगी। सूची देखी तो इसमें कम लोगों को लोन दिया जाना पाया गया। मैंने लोगों से पूछा कि क्या आप लोगों को लोन की जरूरत नहीं हैं, तो गरीबों ने बताया कि लोन की जरूरत तो है लेकिन मिलना आसान नहीं है। पांच-छह बार दौड़ाने के बाद लोन मंजूर करने के लिए रुपयों की मांग की जाती है। जनसंवाद कार्यक्रमों में सांसद ने जनसमस्याएं भी सुनीं।