हल्द्वानी। पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि भाषा सम्मेलन से कुमाउनी भाषा को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। कुमाउनी भाषा सम्मेलन के समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे पूर्व राज्यपाल कोश्यारी ने आयोजन की सराहना की। आयोजकों ने कुमाउनी भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की।
चम्पावत में मंगलवार को तीन दिवसीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन का समापन हुआ। मुख्य अतिथि पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि आधुनिकता के दौर में बोली भाषाएं पीछे छूटती जा रही हैं। बोली भाषा से भावी पीढ़ी को समृद्ध और गौरवशाली परंपरा से परिचित कराने की जरूरत है। कुमाउनी भाषा में संबोधन करते हुए उन्होंने स्थानीय भाषाओं को आम बोल चाल में शामिल करने की अपील की। डीएम नवनीत पांडेय ने आयोजकों के प्रयास की सराहना की। पहरू पत्रिका के संपादक हयात सिंह रावत ने कहा कि कुमाउनी भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल करना नितांत आवश्यक है। भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल करना न सिर्फ रोजगारपरक होगा। बल्कि कुमाउनी भाषा का संरक्षण भी किया जा सकेगा। कार्यक्रम में जीवन सिंह पोखरिया, धन सिंह मेहता, शिवराज सिंह भंडारी, जमन सिंह बिष्ट, योगेश दत्त बिष्ट, मुन्नी पांडेय, डॉ.बीसी जोशी, सतीश पांडेय, नीरज जोशी, हिमांशु जोशी, प्रकाश जोशी, डॉ. विष्णु दत्त शास्त्री, डॉ.टीआर जोशी, नवीन पंत, ललित मोहन, गौरव पांडेय, चंद्रशेखर, संजय कुमार, डॉ.दिनेश जोशी, विवेकानंद, राजेंद्र गहतोड़ी, भूपेंद्र देव आदि मौजूद रहे।