लखनऊ। राजेन्द्र तिवारी
प्रदेश के सभी वित्त विहीन माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन अब बैंक खाते में ही जाएगा। विद्यालय प्रबंधन की ओर से शिक्षकों के कम वेतन दिए जाने की शिकायतों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। यह बातें शिक्षक दिवस के मौके पर उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहीं।
लखनऊ में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में डिप्टी सीएम ने राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त प्रदेश के दो शिक्षकों, वर्ष 2019 में राज्य अध्यापक पुरस्कार व मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार प्राप्त करने वाले 17 शिक्षकों तथा उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में चयनित जिले के 75 शिक्षकों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि वित्त विहीन विद्यालयों में फीस से होने वाली आय का 80 फीसदी हिस्सा वेतन मद में व्यय किए जाने की व्यवस्था है। अक्सर ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि इन विद्यालयों के शिक्षकों को कम वेतन दिया जाता है और नियमित रूप से नहीं दिया जाता है। खाते में वेतन भुगतान की व्यवस्था होने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से मृत वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने पर भी विचार किया जा रहा है। जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को पदोन्नति देने के निर्देश भी दिए गए हैं। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों का अवकाश (चिकित्सा अवकाश, मातृत्व अवकाश व बाल्य देखभाल अवकाश) अब मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन स्वीकृत किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों को अब भी राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों की तरह सुविधाएं दी जाएंगी। शिक्षक के सेवाकाल में दिवंगत होने पर उसके आश्रित को नौकरी दी जाएगी। यह सुविधा पहले नहीं थी। संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पद भी भरे जा रहे हैं। कोरोना काल में आनलाइन शिक्षण के लिए शिक्षकों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने साढ़े चार में अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। इससे पहले माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी ने भी शिक्षकों को संबोधित किया। समारोह में आए शिक्षकों का स्वागत विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा शंभु कुमार ने किया।