नई दिल्ली। स्टार्टअप के लिए एंजेल कोष से मिलने वाले निवेश पर टैक्स नहीं देना होगा। सरकार ने इस मामले में आयकर छूट की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। पहले इस धारा के तहत मंजूरी के लिए अंतरमंत्रालयी प्रमाणन बोर्ड के पास आवेदन करना होता था। यही नहीं आवेदन की प्रक्रिया को सरल किया गया है। इसमें डीआईपीपी के जरिये सीबीडीटी के पास आवेदन किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने इस धारा से संबंधित मामले में अधिसूचना को अनुमति दे दी है। औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग इस बारे में जल्द औपचारिक अधिसूचना जारी करेगा। यह छूट लेने के लिए किसी स्टार्टअप को सभी दस्तावेजों के साथ डीआईपीपी के पास आवेदन करना होगा। मान्यता प्राप्त स्टार्टअप के आवेदन को जरूरी दस्तावेजों के साथ विभाग केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के पास भेजेगा। सूत्रों ने कहा कि चूंकि एंजेल टैक्स को समाप्त करने की जगह उससे छूट दी गई है, लिहाजा यह पाने के लिए सीबीडीटी से मंजूरी लेनी होगी। यदि काले धन या किसी अन्य आशंका से सीबीडीटी मंजूरी नहीं देती है तो डीआईपीपी से आवेदन मिलने के 45 दिन में फैसला लेना होगा। गौरतलब है कि हाल ही में कई स्टार्टअप कंपनियों के संस्थापकों को एंजेल कोष से प्राप्त निवेश के लिए आयकर विभाग से धारा 56(2) (7बी) के तहत टैक्स नोटिस मिला था। नए उद्यमियों ने कहा था कि इससे उन्हें पूंजी जुटाने और कारोबार आगे बढ़ाने में दिक्कत आएगी। निवेशक एंजेल टैक्स से हतोत्साहित होंगे। सुरेश प्रभु ने मामले को वित्त मंत्रालय के समक्ष उठाया था। बताया जा रहा है कि आयकर कानून की धारा 56(2) (7बी) में कहा गया है कि स्टार्टअप की उचित बाजार मूल्य के मुकाबले जुटाई गई अतिरिक्त राशि पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाएगा। इसे कंपनी की अन्य स्रोतों से आय के रूप में माना जाएगा।