काबुल।
अफगानिस्तान में फिदायीन धमाकों के अगले दिन शुक्रवार को राजधानी काबुल से निकासी उड़ानें फिर से शुरू हो गईं। दूसरी तरफ तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन ने शुक्रवार को कहा कि अफगनिस्तान की राजधानी काबुल में हवाई अड्डे के संचालन के लिए तालिबान ने अनुरोध किया है। इस बीच हमले के बाद कई देशों ने अपने निकासी अभियान खत्म करने की घोषणा की है।
अफगानिस्तान छोड़ने की आपाधापी के बीच शुक्रवार को भी हवाई अड्डे के बाहर पहले जितनी ही भीड़ दिखी। अमेरिका का कहना है कि देश के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने के लिए विदेशी सैनिकों की वापसी की मंगलवार की समय सीमा से पहले और हमले की आशंका है।
तुर्की के राष्ट्रपति ने अंकारा में कहा कि तालिबान ने काबुल हवाई अड्डे को चलाने के लिए हमसे अनुरोध किया है। हमने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है, क्योंकि अपने नागरिकों और सैनिकों को वहां से निकालना पहली प्राथमिकता है। हम अफगानिस्तान में सामान्य हालात देखना चाहते हैं। वर्तमान में वहां कोई सरकार नहीं है। हम इस मुद्दे पर तब विचार करेंगे जब सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। जापान ने कहा है कि काबुल में हवाई अड्डे के आसपास घातक हमलों के बावजूद अपने राजनयिकों और नागरिकों को वहां से निकालना जारी रखेगा। जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव कात्सुनोबु काटो ने कहा, जापान काबुल में हुए हमलों की कड़ी निंदा करता है और पीड़ति परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताता है। उन्होंने बताया कि हमलों में कोई जापानी नागरिक घायल नहीं हुआ है। वहीं जर्मनी की रक्षा मंत्री ने कहा कि उनके देश ने अफगानिस्तान में लोगों को सुरक्षित निकालने का अपना अभियान समाप्त कर दिया है। रक्षा मंत्री एनीग्रेट क्रेंप-कैरेनबाउर ने कहा कि जर्मन सेना का अंतिम विमान सैनिकों को लेकर गुरुवार शाम उज्बेकिस्तान में ताशकंद पहुंचा। उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर जर्मनी ने कम से 45 राष्ट्रों के 5,347 लोगों को निकाला, जिनमें 4,000 से ज्यादा अफगान शामिल हैं। उधर, स्पेन की सरकार ने कहा कि तालिबान-नियंत्रित अफगानिस्तान से स्पेनिश लोगों और अफगानों को लेकर दो सैन्य विमानों के शुक्रवार तड़के दुबई पहुंचने के साथ ही उसने इस देश (अफगानिस्तान) से अपना निकासी अभियान समाप्त कर दिया है। आखिरी उड़ानें स्पेनिश सहायता कर्मियों, अफगान सहयोगियों और उनके रिश्तेदारों के साथ-साथ अंतिम 81 सैनिकों और राजनयिकों को लेकर आईं। स्पेन ने कुल 1,900 अफगान नागरिकों को निकाला है। इनमें न केवल स्पेनिश बलों और दूतावास के कर्मचारी और उनके रिश्तेदार शामिल हैं, बल्कि वे लोग भी हैं जिन्होंने अमेरिका, पुर्तगाल, यूरोपीय संघ, नाटो के साथ सहयोग किया है।