देहरादून। अनीता रावत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में जल्द सर्जिकल गैस्ट्रो एंट्रोलॉजी डिपार्टमेंट की ओपीडी औपचारिकरूप से कार्य करने लगेगी। संस्थान के स्तर पर इसकी लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। सर्जिकल गैस्ट्रो ओपीडी में मरीजों को पेट से जुड़े जटिल रोगों की सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि सर्जिकल गैस्ट्रो एंट्रोलॉजी विभाग के अंतर्गत मरीजों के पेट संबंधी रोगों का सर्जरी द्वारा निदान किया जाएगा। जिसमें आहार नाल व उदर पेट की कैंसर सर्जरी, एसिड से जली आहार नाल व पेट में होने वाली रुकावट को ऑपरेशन द्वारा दूर करना, लीवर, पेनक्रियाज (अग्नाशय ग्रंथी), गॉल ब्लेडर (पित्ताशय) के कैसर की सर्जरी आदि सुविधाएं प्रमुखरूप से शामिल हैं। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि इसके अलावा संस्थान के सर्जिकल गैस्ट्रो विभाग में रोगियों को पित्ताशय निकालते समय पित्त नली को होने वाले नुकसान की सर्जरी, शराब के सेवन से पेनक्रियाज (अग्नाशय) को होने वाले नुकसान की सर्जरी( क्रोनिक पेनक्रियाटाइटिस), बड़ी आंत व गुदा द्वार के कैंसर की सर्जरी व आंतों में होने वाले अल्सर छालों का सर्जरी द्वारा उपचार आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि निकट भविष्य में संस्थान सर्जिकल गैस्ट्रो डिपार्टमेंट में एमसीएस कोर्स सुपर स्पेशलिटी कोर्स भी शुरू करेगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा ऋषिकेश एम्स में शीघ्र लीवर ट्रांसप्लांट सेंटर की स्थापना की जाएगी। निदेशक एम्स प्रो.रवि कांत ने बताया कि संस्थान की ओर से विभाग के माध्यम से जल्द ही समीपवर्ती दुरुस्त इलाकों में मासिक शिविरों के आयोजन किया जाएगा, जिससे इस विषय से जुड़े जटिल मरीजों की पहचान, जांच व उपचार किया जा सके। उन्होंने बताया कि ओपीडी में नए मरीजों का परीक्षण मंगलवार व बृहस्पतिवार को और पुराने रोगियों को परीक्षण की सुविधा शनिवार को मिल सकेगी।