देहरादून में सुपरटेक प्रोजेक्ट को मिली हरी झंडी

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देहरादून, अर्पणा पांडेय।

सुपरटेक के अपकंट्री प्रोजेक्ट के 608 आवंटियों के फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए नवरात्रि से प्रक्रिया शुरू होगी। वहीं देहरादून में भी सुपरटेक के प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल गई है।
सुपरटेक में घरों का इंतजार कर रहे खरीदारों की ओर से सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जा रही है। वह सोशल मीडिया पर मांग कर रहे हैं कि सुपरटेक के अधूरे प्रोजेक्टों को पूरा करने की जिम्मेदारी एनबीसीसी को मिले। एनबीसीसी ने सुपरटेक के सभी 17 प्रोजेक्ट का अधिग्रहण कर पूरा करने के लिए एनसीएलएटी में प्रस्ताव दिया है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है। एनबीसीसी ने तीन चरणों में परियोजनाओं को पूरा करने का प्रस्ताव दिया है। पहले चरण में ग्रेटर नोएडा के इको विलेज-2, नोएडा के रोमानो, कैपेटाउन, ग्रेनो के सीज़र सूट्स, इकोविलेज-3, स्पोर्ट्स विलेज और ईको सिटी को शामिल किया जाएगा। दूसरे चरण में नॉर्थआई (नोएडा), अपकंट्री (यमुना एक्सप्रेसवे), इको विलेज-1 (ग्रेटर नोएडा), मेरठ स्पोर्ट्स सिटी और ग्रीन विलेज शामिल होंगे। तीसरे चरण में हिलटाउन (गुरुग्राम), अराविले (गुरुग्राम), रिवरक्रेस्ट (रुद्रपुर), दून स्क्वायर (देहरादून) और मिकासा (बेंगलुरु) परियोजनाएं होंगी।
बताया जा रहा है कि सुपरटेक के देहरादून स्थित दून स्कवायर प्रोजेक्ट को एनसीएलएटी से निर्माण के लिए हरी झंडी मिल गई है। ग्रुप के चेयरमैन आर.के अरोड़ा ने बताया कि दून स्कवाायर प्रोजेक्ट में उन्होंने अपने साथ एक को-डेवलपर को लिया है। इसके लिए वहां के आवंटियों और बैंक ने भी सहमति दी थी। इसे एनसीएलएटी ने स्वीकार कर लिया है और अब शीघ्र ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा अन्य 16 प्रोजेक्टों के लिए भी को-डेवलपर को साथ लेकर उन्होंने अपने प्रस्ताव एनसीएलएटी में जमा कर दिए हैं। उन्हें उम्मीद है कि एनसीएलटी से सहमति मिलने के बाद इन प्रोजेक्टों में भी शीघ्र काम शुरू हो सकेगा। हालांकि, इन प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए एनबीसीसी ने भी अपना प्रस्ताव कोर्ट में दिया है, जिस पर फैसला नहीं हो सका है।
नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित सुपरटेक के अपकंट्री प्रोजेक्ट में अभी तक आवंटियों की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही थी। वे लंबे समय से रजिस्ट्री की मांग उठा रहे थे। अब इस प्रोजेक्ट में रजिस्ट्री शुरू होंगी। यमुना प्राधिकरण ने इस संबंध में सुपरटेक पर नियुक्त आईआरपी को पत्र भेजा है। पत्र में प्राधिकरण की ओर से कहा गया है कि अपकंट्री प्रोजेक्ट में 608 आवंटियों की रजिस्ट्री की जानी है। इसके लिए प्रत्येक खरीदार से अतिरिक्त प्रतिकर और लीज रेंट लिया जाएगा और गणना कर यूनिट के साथ उसे टैग कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि आवंटियों को रजिस्ट्री के लिए दस हजार 344 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से धनराशि यमुना प्राधिकरण के खाते में जमा करानी होगी। प्राधिकरण 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त प्रतिकर और एक मुश्त लीज रेंट के रूप में यह धनराशि जमा कर रजिस्ट्री कराएगा। इसके आदेश जारी हो गए हैं। प्राधिकरण के रिकॉर्ड के अनुसार अतिरिक्त प्रतिकर और लीजरेंट की मद में कुल एक अरब आठ करोड़ 55 लाख से अधिक की वसूली होनी है। आवंटियों को यह 10 हजार 344 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से देनी होगी। इस राशि को जमा कराने के बाद रजिस्ट्री होगी। सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने कहा कि अब सभी आवंटियों को उनकी संपत्ति पर मालिकाना हक मिलेगा। उन्होंने प्रोजेक्ट में आवंटियों को बोल दिया है कि वे अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री करा लें। उम्मीद है कि पहले नवरात्र से प्रोजेक्ट में रजिस्ट्री शुरू हो जाएंगी। इसके लिए आवंटी को प्राधिकरण में लीज रेंट और 64.7 प्रतिशत का अतिरिक्त प्रतिकर जमा कराना होगा।

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