कोलंबो।
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए आर्थिक आपातकाल की घोषणा की है। श्रीलंकाई मुद्रा के अवमूल्यन से देश में खाद्य वस्तुओं की कीमत में जबरदस्त उछाल आया है।
राजपक्षे ने जन सुरक्षा अध्यादेश के तहत जरूरी खाद्य वस्तुओं की जमाखोरी रोकने के इरादे से मंगलवार को आर्थिक आपातकाल लागू करने का ऐलान किया। यह आपातकाल मंगलवार मध्य रात्रि से अमल में आ गया। श्रीलंकाई राष्ट्रपति के प्रवक्ता किंग्स्ले रत्नायके ने बताया कि सेना के पूर्व जनरल को आयुक्त (जरूरी वस्तुएं) नियुक्त किया गया है। उसके पास खुद्रा कारोबारियों और विक्रेताओं के पास जमा राशन को जब्त करने तथा उनका मूल्य नियंत्रित करने का अधिकार होगा।
रत्नायक के मुताबिक चावल-चीनी सहित अन्य खाद्य वस्तुएं सरकारी दर या फिर निर्यात लागत पर बेची जा रही हैं तथा उनकी जमाखोरी नहीं हो रही है, यह सुनिश्चित करने का जिम्मा सेना को सौंपा गया है। इस कदम का मकसद न सिर्फ खाद्य महंगाई पर काबू पाना, बल्कि केंद्रीय बैंकों पर आयातकर्ताओं के बढ़ते बकाये की वसूली करना भी है। कोविड-19 महामारी से अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमत और श्रीलंकाई मुद्रा के लगातार होते अवमूल्यन के चलते श्रीलंका में महंगाई दर उच्च स्तर पर पहुंच गई। साल 2021 में डॉलर के मुकाबले श्रीलंकाई मुद्रा की कीमत 7.5 फीसदी घट गई है। स्थानीय मुद्रा को मजबूती देने के लिए श्रीलंका के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरें बढ़ा दी हैं।