नई दिल्ली। श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ ने मंगलवार को कहा कि श्रीलंका में अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है। अगर नई ऊर्जा परियोजनाएं शुरू की जाती हैं, तो वह इसे भारत और अन्य पड़ोसी देशों को निर्यात कर सकता है। हेराथ इंडिया फाउंडेशन कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम में उन्होंने भारतीय कंपनियों से श्रीलंका के ऊर्जा क्षेत्र के विकास में भाग लेने का आग्रह किया।
हेराथ ने कहा कि कुछ ऊर्जा परियोजनाएं पहले से ही चल रही हैं, जबकि अन्य के लिए चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा, सामपुर, मन्नार और जाफना में कुछ तकनीकी मुद्दे हैं, लेकिन बहुत सारी परियोजनाएं व प्रस्तावों पर काम चल रहा है। इन परियोजनाओं में सफलता मिलने के बाद एक देश के रूप में अपने पड़ोसी देशों के साथ भी अपनी ऊर्जा साझा कर सकते हैं। हेराथ ने कहा कि एक नई सरकार के रूप में हम भारत के अलावा चीन के साथ भी अच्छे संबंध बनाने की उम्मीद करते हैं। उनके मुताबिक, एक द्वीप राष्ट्र के रूप में श्रीलंका अन्य देशों के साथ मजबूत संबंध बनाने के महत्व को पहचानता है। लिहाजा, भारत-चीन के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, क्यूबा और उत्तर कोरिया के साथ भी अच्छे संबंध बनाने की उम्मीद करते हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगले महीने हमारी प्रतिनिधिमंडल चीन की यात्रा पर भी जाएगा। हेराथ ने कहा, भारत-श्रीलंका के संबंध ऐतिहासिक, सभ्यतागत, धार्मिक और सांस्कृतिक बंधनों पर आधारित हैं। ये बंधन निश्चित रूप से कम से कम 2500 साल से भी अधिक पुराने हैं। भारत ने हमें बौद्ध धर्म का उपहार दिया था, जिसने दो सहस्राब्दियों से भी पहले द्वीप पर एक समृद्ध बौद्ध सभ्यता को जन्म दिया। विदेश मंत्री ने कहा, हिंदू धर्म का प्रभाव सदियों से लोगों के आवागमन और आपसी संबंधों के कारण हमारे सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने में समाहित है। इसलिए हमारी श्रीलंकाई विरासत का भारत से अनिवार्य रूप से जुड़ाव है। हमारे समकालीन संबंध बहुत सौहार्दपूर्ण हैं। विदेश मंत्री ने पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अगले साल जनवरी में संसद में एक अधिसूचना पारित करेंगे, जिसमें 39 देशों को मुफ्त वीजा देंगे। इंडिया फाउंडेशन प्रोग्राम में हेराथ ने पर्यटन से पर कहा कि 2018 से पहले हमारे पास सबसे अधिक पर्यटक आए थे। उस समय हमने चार बिलियन डॉलर कमाए। लेकिन इसके बाद ईस्टर संडे हमलों, कोविड-19 महामारी और आर्थिक संकट के कारण देश ने अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना किया है। मंत्री ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत से उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि पर्यटन उद्योग को बढ़ाने के लिए हम भारत के लिए अपने हाथ खोलने की उम्मीद करते हैं। उम्मीद है कि भारतीय पर्यटक आएंगे।
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