ड्रोन घुसपैठ को रोकेगा विशेष दस्ता : अमित शाह

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि भारत अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए जल्द ही एंटी ड्रोन यूनिट बनाएगा। इससे देश में ड्रोन की घुसपैठ रोकने में मदद मिलेगी।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 60वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में शाह ने कहा कि लेजर से लैस एंटी ड्रोन गन माउंटेड के शुरुआती नतीजे प्रभावशाली रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन को निष्क्रिय करने और उनका पता लगाने की क्षमता तीन प्रतिशत से 55 प्रतिशत तक बढ़ी है। शाह ने कहा, आने वाले दिनों में ड्रोन का खतरा और भी गंभीर होने वाला है। इससे निपटने के लिए रक्षा तथा अनुसंधान संगठनों और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ काम किया जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान से सटी सीमा पर इस वर्ष 260 से अधिक ड्रोन गिराए गए या बरामद किए गए हैं। 2023 में 110 ड्रोन को जब्त या नष्ट किया गया था। उन्होंने बताया कि हथियार तथा मादक पदार्थों की तस्करी के लिए इस्तेमाल किए गए ड्रोन सबसे अधिक पंजाब, राजस्थान और जम्मू में मार गिराए या बरामद किए गए। शाह ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से सटी सीमाओं की सुरक्षा के लिए शुरू की गई एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली पर काम प्रगति पर है। उन्होंने कहा, ‘हमें असम के धुबरी (भारत-बांग्लादेश सीमा) में नदी सीमा पर स्थापित सीआईबीएमएस के प्रभावशाली परिणाम देखने को मिल रहे हैं लेकिन कुछ सुधार की जरूरत है।’ गृह मंत्री ने कहा कि उत्तरी सीमाओं पर बसी आबादी के विकास और उसे मुख्यधारा में लाने के लिए मोदी सरकार के वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को सभी सीमावर्ती गांवों में लागू किया जाएगा। 48,000 करोड़ रुपये की निधि आवंटित करने के साथ सीमा सुरक्षा को बढ़ाना और दूरदराज के इलाकों में रहने वाली आबादी के लिए काम करना सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश की सीमाओं को मजबूत करने के लिए बड़ा बजट मंजूर किया है इसके तहत बाड़ लगाने, सीमावर्ती बुनियादी ढांचा, सड़कें और अन्य काम किए गए हैं। समारोह में मौजूद बीएसएफ के महानिदेशक (डीजी) दलजीत सिंह चौधरी ने कहा कि 13,226 नए प्रशिक्षित जवानों को विभिन्न बटालियनों में तैनात किया गया है। वहीं, नए भर्ती 4,000 अतिरिक्त जवान प्रशिक्षण ले रहे हैं। जबकि लगभग 12,000 जवान अगले माह सीमा पर तैनात होने से पहले सुरक्षा और युद्ध कौशल सीखने के लिए बल में शामिल होंगे।

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