लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विधानसभा में उपाध्यक्ष का चुनाव होने के बाद समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि संवाद की परंपरा तो भाजपा ने हमेशा डाली है। सपा ने संवाद को हमेशा बाधित करने का काम किया है। आज सपा के कई चेहरे सामने आ चुके हैं। सपा युवा विरोधी है। अपने ही सदस्यों को नहीं बचा पाती है। अंतरविरोध दूर नहीं कर पाती। आज सिद्ध हो गया कि सपा के लिए परिवार ही पार्टी है लेकिन हमारे लिए प्रदेश ही परिवार है। ये नतीजा वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों की तस्वीर को साफ कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी को नसीहत देते हुए कहा कि हम साढ़े चार वर्षों से इसका इंतजार कर रहे थे कि विपक्षी दलों द्वारा युवा उपाध्यक्ष का कोई नाम सर्वसम्मति से लाने का प्रयास होगा लेकिन सपा की ओर से कोई सकारात्मक रवैया न होने के कारण निराशा हुई। आरोप-प्रत्यारोप लोकतंत्र के लिए ठीक हैं लेकिन संवाद बाधित नहीं होना चाहिए। नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी सज्जन हैं। संवाद में विश्वास में भी रखते हैं लेकिन दलीय अंतरविरोधों को झेलने के लिए अपने में ताकत नहीं बटोर पाते हैं। आने वाला चुनाव वर्ष 2022 में इस बात को विपक्ष को और अच्छी तरह से समझाने का काम करेगा। उपाध्यक्ष का चुनाव सिद्ध कर चुका है कि सपा पूरे विपक्ष को एकजुट भी नहीं कर सकी। अच्छा होता आपस में समन्यव बनाकर काम करते। मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आज उन्हें परेशानी इस बात को लेकर थी कि वे सोच रहे थे कि प्रस्ताव उनके द्वारा पहले दे दिया गया होता तो अच्छा होता। सपा में बेचैनी थी। मैं जानता था नेता विरोधी दल कहेंगे कि चुनाव में गड़बड़ी हुई है। आदत है उनको। विधानसभा या लोकसभा में जनता फैसला सुनाती है तो फिर ईवीएम को दोषी ठहराते हैं। हमारे नेता विरोधी दल राम गोविंद कुछ तो कहेंगे। जब मतगणना शुरू कर दी गई तो कहने लगे मतगणना में धांधली हुई है। यहां ईवीएम नहीं था…। ईवीएम होता तो कुछ कहते। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल खंड में दलीय नेताओं की बैठक की थी। सपा ने कोरोना में तब भी बहिष्कार किया था। यूएनओ के 2016 विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जो टारगेट फिक्स किए गए हैं। इस सदन ने विशेष सत्र बुलाकर 36 घंटे तक चर्चा की। महात्मा गांधी के 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक विशेष सत्र बुलाया गया था। उसे भी सपा ने बहिष्कार किया था। जिसमें गरीबी, स्वास्थ्य, नौजवानों के रोजगार के लिए, स्वास्थ्य के लिए, किसानों की आय को दोगुना करने के लिए था। सपा को इससे कुछ लेना देना है ही नहीं। इसलिए बहिष्कार किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि साढ़े चार साल के दौरान अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। हर फील्ड में कुछ नया देखने को मिला है। चाहे गरीब कल्याण के लिए हो, युवा कल्याण के लिए हो, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए किसान उन्नयन-उत्थान के लिए हो। इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में हो या फिर देश के सामने यूपी को सबसे अच्छे निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने की बात हो। हमने धारणा बदलने का काम किया है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश के बारे में देश में धारणा बदली है। देश का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता रखता है। उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था बनने का माद्दा रखता है। उत्तर प्रदेश जो कुछ भी करेगा वह भारत की अर्थ-व्यवस्था को नई ऊचाइयों तक आगे ले जाने में मददगार होगा।